Uttarakhand Loksabha Election 2019: बुजुर्ग और दिव्यांग भी बने इस महापर्व के साक्षी
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर बुजुर्ग और दिव्यागों में काफी उत्साह नजर आ रहा है। वे सुबह से ही बूथों पर पहुंच अपने मत का प्रयोग कर रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। देश में लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग जारी है। इस महापर्व को लेकर बुजुर्गों और दिव्यांगजनों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। उत्तराखंड में भी सुबह से ही बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता अपने मत का प्रयोग करने बूथ पहुंच रहे हैं।
उत्तराखंड में इस लोकसभा चुनाव को लेकर शुरुआत से ही काफी उत्साह नजर आया। हर शख्स अपने वोट की ताकत दिखाना चाहता है। बुजुर्ग हो या दिव्यांगजन कोई भी वोट डालने से वंचित नहीं रहना चाहता है। इसलिए वे अपने परिजनों संग घरों से निकलकर बूथों तक पहुंच रहे हैं। खास बात ये भी है कि जितना जोश युवाओं में नजर आ रहा है, उतना ही बुजुर्गों और दिव्यांगों में भी नजर आ रहा है।
-अल्मोड़ा जिले के गंगोलीहाट के मल्ला गरखा बूथ पर में 104 वर्षीय खिमुली देवी मतदान के लिए अपने परिजनों के संग पहुंची।
-पिथौरागढ़ जिले में एक युवा वोट का महत्व समझते हुए अपने परिजन को कांधे पर उठाकर मतदान के लिए लेकर गया।
-बात उत्तरकाशी जिले की करें तो पुरोला में राम प्रसाद रतूड़ी भी अपनी 92 साल की दादी रणदई को वोट डालने ले बूथ तक ले गए। इस दौरान उनमें काफी उत्साह देखा गया।
-देहरादून में दिव्यांगों में काफी जोश देखा गया। वो भी अपने मत का इस्तेमाल करने डोभालवाला इंटर कॉलेज बूथ में पहुंचे। दिव्यांग कुछ इस तरह से पहुंचे बूथ।
114 साल की रतन देई ने भी डाला वोट
डोईवाला विधानसभा के भोगपुर (सारंदरवाला) निवासी शतायु वोटर रतन देई अपने परिवार के साथ मतदान करने पहुंची। परिजनों का दावा है कि रतन देई की उम्र 114 वर्ष है। उनके सबसे बड़े पुत्र 92 वर्षीय भगवान सिंह और नाती-पोतों ने भी मतदान किया। इस मौके पर वे फोटो खिंचवाने से भी नहीं चूके।
93 वर्षीय भगवान देई पैदल पहुंची मतदान केंद्र
एक तरफ चुनाव आयोग ने दिव्यांगों और वृद्ध मतदाताओं को पोलिंग बूथों तक पहुंचाने के लिए स्वयंसेवकों को लगाया है, लेकिन दूसरी तरफ कई बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाता अपने आप बूथों तक जाते नजर आए। इन्हीं मतदाताओं में शामिल हैं ऊधमसिंह नगर जिले के बाजपुर स्थित मोहल्ला राजीवनगर निवासी 93 वर्षीय बुजुर्ग मतदाता भगवान देई पत्नी करन सिंह। भगवान देई ने बताया कि उनका बूथ घर से करीब डेढ़ किमी दूर है। प्रयास करने के बावजूद उन्हें ई-रिक्शा या फिर कोई और वाहन बूथ तक जाने के लिए नहीं मिला। इस पर उन्होंने मतदान में हिस्सा लेने का इरादा छोड़ दिया। चूंकि परिवार की ही दो बहुओं को भी वोट डालने जाना था जिसके चलते वह भी पैदल ही दोनों बहुओं के साथ वोट डालने के लिए बूथ पर आ गई है। इस बीच उनकी किसी ने भी बूथ तक पहुंचाने में मदद नहीं की।
पैरों में परेशानी होने पर इस तरह पहुंचे वोट करने
हरिद्वार जिले के रुड़की में भी बुजुर्ग मतदाताओं ने मिसाल पेश की। पैरों में तकलीफ और बीमार होने बावजूद उनका जोश कम नहीं हुआ। वो व्हील चेयर के सहारे वोट करने सदन इंटर कॉलेज, मेहवडकला पहुंचे। इस दौरान स्काउट्स ने उनकी काफी सहायता की।
दृष्टिहीन घनश्याम ने डाला वोट, दी ब्रेल लिपि की जानकारी
देहरादून जिले में दृष्टिहीन घनश्याम अपने परिजनों संग पोलिंग बूथ पहुंचे और अपने मत का प्रयोग किया। इसके बाद उन्होंने ब्रेल लिपि के बारे में सामान्य जानकारी भी दी।
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