Lok Sabha Election 2019 : मन मसोसकर रह गए नेताजी

Lok Sabha Election 2019. पिछले दिनों एक नेताजी ऐसे व्यक्ति से टकरा गए जिसने नेताजी से पूछ दिया इधर कैसे। आप तो कभी यहां आए ही नहीं थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 14 Apr 2019 12:36 PM (IST) Updated:Sun, 14 Apr 2019 12:36 PM (IST)
Lok  Sabha Election 2019 :  मन मसोसकर रह गए नेताजी
Lok Sabha Election 2019 : मन मसोसकर रह गए नेताजी

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। Lok  Sabha Election 2019 चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। गांव से लेकर शहर तक नेताजी सड़कें नाप रहे हैं, तो हर आते-जाते लोग को हाथ जोड़कर जोहार-जोहार भी कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग नेताजी से शिकायत भी कर रहे हैं, जिसे संतुष्ट करना नेताजी का काम है। पिछले दिनों एक नेताजी ऐसे व्यक्ति से टकरा गए, जिसने नेताजी से पूछ दिया, इधर कैसे। आप तो कभी यहां आए ही नहीं थे।

नेताजी ने बताया कि ऐसा नहीं है। आपने कभी बुलाया नहीं, इसलिए नहीं आया। इस बार आपलोगों ने मुझे याद किया, तो चले आए। अब आगे भी आते रहेंगे। उसने कहा, क्या गारंटी है कि आप आगे भी आएंगे। टिकट नहीं मिला तो क्यों आएंगे। बेचारे नेताजी मन मसोसकर रह गए। उन्हें जवाब नहीं सूझ रहा था। सचमुच नेताजी उस गांव में लंबे समय के बाद गए थे। वैसे उस गांव से होकर अक्सर गुजरते थे, लेकिन रूकने की कभी नहीं सोची थी। नेताजी ने मन ही मन कहा, अभी कई गांव-कस्बे ऐसे मिलेंगे, जहां दो-तीन साल बाद जाना पड़ेगा।

अब ढूंढे नहीं मिल रहे उम्मीदवार

चुनाव से पहले यहां कई दल सक्रिय थे, जिसमें यह भी एक है। आए दिन डीसी आफिस पर ज्ञापन देकर फोटो खिंचाने वाले इस दल के कार्यकर्ता अब मायूस हैं। इसकी वजह कुछ और नहीं उम्मीदवार का अकाल होना है। एक को आगे किया था, वह बीच में ही छोड़कर चला गया। अब दूसरा कोई आगे आने का नाम नहीं ले रहा है। दल के एक बड़े कार्यकर्ता कह रहे थे, पता नहीं चलता है कि किसके मन में क्या चल रहा है। हो सकता है कि दोबारा किसी को आगे किया, तो वह भी किसी के साथ सेटिंग कर ले। यहां तो हर कार्यकर्ता अखबार में दस-बीस फोटो खिंचाकर खुद को नेता समझने लगता है। यही गड़बड़ है। आखिर करें तो क्या करें। अब अपने बीच कोई चेहरा दिख ही नहीं रहा, जिसे आगे करें। अब तो अपने ही लोग एक-दूसरे को शक की नजर से देख रहे हैं।  

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