CASC ने आम चुनाव से पूर्व सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ EC को नोटिस भेजकर की ये मांग
CASC ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले वॉट्सऐप, फेसबुक और सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कुछ सख्त नियम-कानून बनाने की मांग की है।
नई दिल्ली, एएनआइ। सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टम चेंज (CASC) ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले वॉट्सऐप, फेसबुक और सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कुछ सख्त नियम-कानून बनाने की मांग की है। नोटिस में कहा गया कि चुनाव आयोग द्वारा सोशल मीडिया पर इलेक्शन एड को वेरिफाइ क्यों नहीं किया जाना चाहिए।
यह मामला सीएएससी द्वारा तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद सामने आया है, जिसमें राजनीतिक दलों या चुनाव आयोग के साथ उम्मीदवारों द्वारा गठित व्हाट्सएप समूहों का पंजीकरण अनिवार्य है। चुनाव आयोग 25 अक्टूबर 2013 को सोशल मीडिया के लिए अपना पहला निर्देश लेकर आया था।
ट्रांसपेरेंसी टूल लॉन्च करेगा फेसबुक
लोकसभा चुनावों में फेसबुक से होने वाली विदेशी दखलंदाजी को रोकने और विज्ञापन में और ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए फेसबुक अगले माह से ट्रांसपेरेंसी टूल लॉन्च करेगा। इसके बाद फेसबुक पर चुनावी विज्ञापन दिखाने के लिए विज्ञापनदाताओँ को वेरिफिकेशन कराना जरूरी होगा। ताकि फेसबुक लोगों को इससे जुड़ी सारी जानकारी दे सके।
फेसबुक ने पिछले दिनों बताया था कि चुनावी विज्ञापन के लिए ऑनलाइन लाइब्रेरी बनाई जाएगी जो 7 साल तक एक्सेस किया जा सकेगा। इस लाइब्रेरी में चुनावी विज्ञापन के बजट और विज्ञापनदाता की जानकारी के अलावा उम्र, जेंडर और लोकेशन के आधार पर विज्ञापन को कितने लोगों ने देखा के बारे में भी जानकारी होगी।