भाजपा ने तोड़ा 'अल्‍पसंख्‍यक विरोधी' मिथक, Minority बहुल क्षेत्रों में हासिल की 50 फीसदी सीटें

Lok Sabha Election-2019 में भाजपा ने 90 अल्‍पसंख्‍यक बहुल जिलों में 50 फीसदी सीटें जीतकर विपक्ष के होने के आरोपों को तार-तार कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 29 May 2019 01:14 PM (IST) Updated:Wed, 29 May 2019 01:14 PM (IST)
भाजपा ने तोड़ा 'अल्‍पसंख्‍यक विरोधी' मिथक, Minority बहुल क्षेत्रों में हासिल की 50 फीसदी सीटें
भाजपा ने तोड़ा 'अल्‍पसंख्‍यक विरोधी' मिथक, Minority बहुल क्षेत्रों में हासिल की 50 फीसदी सीटें

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भाजपा (BJP) ने इस लोकसभा चुनावों में उन 90 अल्‍पसंख्‍यक बहुल जिलों (Minority concentration districts) में 50 फीसदी सीटें जीतकर विपक्ष के (Anti-minority) होने के आरोपों को तार-तार कर दिया है। बता दें कि साल 2008 में यूपीए सरकार (UPA government) ने देश के 90 जिलों को अल्‍पसंख्‍यक बहुल माना था, जहां सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी सुविधाएं राष्‍ट्रीय औसत से नीचे हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, इस चुनाव में अल्‍पसंख्‍यक बहुल 79 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 41 पर जीत दर्ज की है। साल 2014 में भाजपा ने इनमें से 34 पर ही जीत दर्ज की थी। इन अल्‍पसंख्‍यक बहुल लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने साल 2014 में 12 सीटों पर जीत हासिल की थी जो इस चुनाव में घटकर छह रह गई हैं।

विश्‍लेषकों की मानें तो मुसलमानों ने इस बार किसी एक पार्टी या उम्‍मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं किया। इस लोकसभा चुनाव में 27 मुस्लिम उम्‍मीदवारों ने जीत हासिल की है। हालांकि, भाजपा के मुस्लिम उम्‍मीदवार इतने खुशकिस्‍मत नहीं रहे हैं। भाजपा ने इस चुनाव में छह मुस्लिम उम्‍मीदवार उतारे थे लेकिन कोई भी जीत हासिल नहीं कर सका।

इस लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के पांच, कांग्रेस Congress के चार, सपा (Samajwadi Party), बसपा (BSP), नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) और आईयूएमएल (Indian Union Muslim League) के तीन-तीन मुस्लिम उम्‍मीदवारों ने जीत हासिल की है। वहीं, एआईएमआईएम (AIMIM) के दो, लोजपा (LJP), एनसीपी ( NCP), माकपा और एआईयूडीएफ (AIUDF) के एक-एक मुस्लिम उम्‍मीदवारों ने जीत दर्ज की है।  

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