पणजी विधानसभा उपचुनाव: पर्रिकर की मृत्य के बाद खाली थी यह सीट, कड़े मुकाबले की उम्मीद

गोवा की दो लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव के बाद भाजपा और कांग्रेस पणजी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी में जुट गई हैं

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 16 May 2019 01:18 PM (IST) Updated:Thu, 16 May 2019 01:18 PM (IST)
पणजी विधानसभा उपचुनाव: पर्रिकर की मृत्य के बाद खाली थी यह सीट, कड़े मुकाबले की उम्मीद
पणजी विधानसभा उपचुनाव: पर्रिकर की मृत्य के बाद खाली थी यह सीट, कड़े मुकाबले की उम्मीद

नई दिल्ली, पणजी। गोवा की दो लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव के बाद भाजपा और कांग्रेस पणजी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी में जुट गई हैं, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की मृत्यु के बाद यह सीट खाली थी। दिवंगत मुख्यमंत्री के बेटे उत्पल को टिकट देने से इनकार करते हुए भाजपा ने पूर्व विधायक सिद्धार्थ कुनकोलिनकर को मैदान में उतारा है। कुंकोलिनकर ने 2015 और 2017 के विधानसभा चुनावों में पर्रिकर की अनुपस्थिति में इस सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं।

पर्रिकर और दिगंबर कामत की अगुवाई वाली राज्य सरकारों में पूर्व मंत्री रहे कांग्रेस के एंटानासियो मोनसेराट्टे के खिलाफ उन्हें दोषी ठहराया गया है। 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मोनसेराट्टे को कुनकोलिनकर ने हरा दिया था। पर्रिकर ने 25 साल पहले पणजी सीट को कांग्रेस से छीन लिया था और तबसे या सीट बीजेपी के पास है।

हालांकि, पर्रिकर की गैरमौजदूगी में भाजपा मतदाताओं तक पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत राज्य की राजधानी में डेरा डाले हुए हैं और कई मौकों पर सुबह मीरार बीच पर भीड़ के साथ घूमते नजर आए हैं।

उधर, दोनों पार्टियां जीत को लेकर आश्वस्त हैं। जहां कांग्रेस को लग रहा है कि उत्पल मैदान में नहीं हैं तो इसका फायदा उन्हें मिलेगा तो वहीं कुनकोलिनकर पर्रिकर की विरासत और भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को गिना रहे हैं। गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा कि उत्पल के साथ हमारी लड़ाई मुश्किल होती। हालांकि, हम चुनाव नहीं हारते लेकिन कठिनाई निश्चित रूप से ज्यादा होती। अब हमारे लिए रास्ता ज्यादा आसान है।

उधर, कुनकोलिनकर भी खुद को मिले मौके को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपना लक्ष्य तय कर लिया है। हम चुनाव में 10 हजार वोट चाहते हैं और यह हमारी जीत का अंतर होगा।

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