बंसीलाल ने घर-घर मांगे वोट फिर भी उम्मीदवार हार गया, पढ़िए चुनाव की रोचक स्‍टोरी

दरअसल शराबबंदी विफल होने से लोगों में गुस्सा था। पांच साल पहले जहां टिकट मांगने वालों की लाइन लगी थी वहीं वर्ष 2000 के चुनाव में पार्टी को उम्मीदवार खोजने पड़ रहे थे।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 19 Sep 2019 10:30 AM (IST) Updated:Thu, 19 Sep 2019 11:00 AM (IST)
बंसीलाल ने घर-घर मांगे वोट फिर भी उम्मीदवार हार गया, पढ़िए चुनाव की रोचक स्‍टोरी
बंसीलाल ने घर-घर मांगे वोट फिर भी उम्मीदवार हार गया, पढ़िए चुनाव की रोचक स्‍टोरी

गुरुग्राम (सत्येंद्र सिंह)। शराबबंदी को लेकर वर्ष 1996 में प्रदेश में सत्ता में आई बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी का अगले चुनाव में सोहना विधानसभा क्षेत्र से सूपड़ा साफ हो गया। वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में सोहना विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर पहले के मुकाबले उलट थी। पांच साल पहले जहां टिकट मांगने वालों की लाइन लगी थी वहीं वर्ष 2000 के चुनाव में पार्टी को उम्मीदवार खोजने पड़ रहे थे। दरअसल शराबबंदी विफल होने से लोगों में गुस्सा था। पार्टी का ग्राफ नीचे आता हुआ मान कोई भी चुनाव लड़ने के लिए आगे नहीं आ रहा था।

नहीं था कोई उम्‍मीदवार

काफी समय तक चर्चा इस बात को लेकर चली कि सोहना में ही एक व्यवसायी के यहां कई दिनों तक पार्टी का सिंबल लेटर रखा रहा लेकिन कोई लेने को तैयार नहीं था। हालांकि बाद में सोहना निवासी राजकुमार ने आगे बढ़कर टिकट ली और जोर-शोर से चुनाव लड़ा मगर उनकी जमानत जब्त हो गई थी। जीत कांग्रेस के उम्मीदवार राव धर्मपाल को मिली थी। राव ने निर्दलीय उम्मीदवार सुखवीर जौनापुरिया को हराया था, हालांकि वर्ष 1996 में यहां से हरियाणा विकास पार्टी के उम्मीदवार के रूप में राव नरबीर सिंह तत्कालीन विधायक राव धर्मपाल को करीब 10 हजार मतों के भारी अंतराल से हरा कर न केवल विधानसभा पहुंचे अपितु सरकार में मंत्री भी बने।

नहीं नजर आया पार्टी का जनाधार

इसके बाद भी साढ़े चार सालों में ही पार्टी का जनाधार कहीं नजर नहीं आया। सोहना स्थित गुरुद्वारा के सामने खुद चौधरी बंसीलाल अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने आए थे। यही नहीं क्षेत्र के गणमान्य लोगों के घर भी गए थे। लोगों का रुझान अपनी पार्टी के प्रति नहीं देख वह समझ गए थे कि सीट निकलने वाली नहीं है, इसके बाद भी वे चुनाव प्रचार के लिए कई बार सोहना पहुंचे थे। एक जनसभा में लोगों की कम संख्या देख

उन्होंने कहा था

वक्त वक्त का तगाजा सै भाईयो। यो वो ही बंसीलाल सै जिसनै देखन खातर लोगां व लुगाइयां की भीड़ उमड़े थी इब महारा टैम कोन्या। फिर भी मैं आपते अपने प्रत्याशी के लिए वोट मांगन की अपील करण आया सू।

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक

chat bot
आपका साथी