चुनाव आयोग ने हरियाणा में Paramilitary forces की कंपनियां घटाई, राज्य को बताया शांत

हरियाणा को शांत राज्य मानते हुए चुनाव आयोग ने Paramilitary forces की अधिक कंपनियां तैनात करने से मना कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 10:47 AM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 08:35 AM (IST)
चुनाव आयोग ने हरियाणा में Paramilitary forces की कंपनियां घटाई, राज्य को बताया शांत
चुनाव आयोग ने हरियाणा में Paramilitary forces की कंपनियां घटाई, राज्य को बताया शांत

जेएनएन, चंडीगढ़। जाट आरक्षण और डेरा सच्चा सौदा समर्थकों के आंदोलन के बावजूद हरियाणा को शांत राज्य मानते हुए चुनाव आयोग ने Paramilitary forces की अधिक कंपनियां तैनात करने से मना कर दिया है। राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से 200 कंपनियां मांगी थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने सिर्फ 65 कंपनियां मंजूर की हैैं। पिछले चुनाव में राज्य को 75 कंपनियां मिली थीं।

मालूम हो कि प्रदेश को Paramilitary forces की तीन कंपनियां एक माह पहले मिल गई थीं। यह कंपनियां हर जिले में तीन-तीन दिन रुक कर अगले जिले में कूच कर जाती हैं, जहां पुलिस फोर्स के साथ फ्लैग मार्च की प्रक्रिया जारी है। दो कंपनियां इसी माह मिलने की संभावना है।

राज्य में छठे चरण में 12 मई को चुनाव होंगे। राज्य में 11 हजार Polling station और 19 हजार बूथ हैैं। पुलिस नफीरी करीब 50 हजार है। यदि एक बूथ पर कम से कम दो पुलिस कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई जाए तो 38 हजार पुलिसकर्मी इसी काम में तैनात कर दिए जाएंगे।

पुलिस कर्मियों की कमी पूरा करने के लिए पुलिस महानिदेशक ने हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम समेत विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर गए पुलिस कर्मियों को वापस बुला लिया है। साथ ही अगले आदेश तक सभी पुलिस कर्मियों के अवकाश रद कर दिए गए हैैं। सभी पुलिस अधीक्षकों को संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची नए सिरे से बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए हैैं।

हरियाणा बना चुका राज्य स्तरीय तैनाती प्लान

DGP मनोज यादव का कहना है कि चुनाव नई प्रक्रिया नहीं है। हर पांच साल में चुनाव होते हैैं। दो बार भी हो जाते हैैं। शांतिपूर्ण चुनाव के लिए स्टेट लेवल डिप्लायमेंट (तैनाती) प्लान बनाया जाता है। हर बूथ व Polling station पर ड्यूटी लगती है। Paramilitary forces की भी तैनाती होती है। संवेदनशील इलाकों में फोर्स की डिप्लायमेंट (तैनाती) बढ़ा दी जाती है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय से हमने 200 कंपनियां मांगी थीं। केंद्रीय चुनाव आयोग हरियाणा को शांतिपूर्ण राज्य मानता है। आयोग को लगता है कि यहां चुनाव कराने के कड़े चैलेंज नहीं हैैं। हमारे राज्य के लिए 65 कंपनियां स्वीकृत हुई हैैं। पांचवें चरण के चुनाव संपन्न होने के बाद हमारे पास बाकी कंपनियां पहुंच जाएंगी। अभी तक तीन कंपनियां आ चुकी और दो आने वाली हैैं।

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