2008 में बने नियमों में होगा बदलाव होगा, मोदी सरकार नियमित करेगी अनधिकृत कॉलोनियां

Delhi assembly Election अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को घेरने के लिए भाजपा सांसदों ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित किया।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 12 Sep 2019 04:49 PM (IST) Updated:Fri, 13 Sep 2019 08:25 AM (IST)
2008 में बने नियमों में होगा बदलाव होगा, मोदी सरकार नियमित करेगी अनधिकृत कॉलोनियां
2008 में बने नियमों में होगा बदलाव होगा, मोदी सरकार नियमित करेगी अनधिकृत कॉलोनियां

नई दिल्ली, जेएनएन। Delhi assembly Election- 2020: अगले छह महीने के भीतर 'दिल्ली विधानसभा-2019' होना है। ऐसे में अभी से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है और सत्ता-पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। बृहस्पतिवार को अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) को घेरने के लिए भाजपा सांसदों ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। 

इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और दिल्ली की चांदनी चौक से सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वर्ष 2002 और 2008 में बने नियमों में बदलाव होगा। मोदी सरकार अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करेगी।

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने आम आदमी पार्टी को घेरते हुए कहा कि AAP ने 70 में से एक चुनावी वादा अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का था। कांग्रेस और अन्य पार्टियां इस नाम पर दिल्ली के गरीब लोगों का समर्थन हासिल करती रही हैं। AAP ने भी इन लोगों को धोखा दिया है। AAP के अन्य चुनावी वादों को भी बारी-बारी से भाजपा सांसद उठाएंगे। 

उन्होंने कहा कि 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद 1 जून, 2014 तक के निर्माण को नियमित करने के दायरे में रखने का फैसला किया। इसके बाद 2015 में दिल्ली की सत्ता में आने वाली AAP सरकार को कॉलोनियों का सर्वे करने और नियमित करने के लिए अन्य औपचारिकताऐं पूरी करने को कहा, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। AAP ने पहले 2017 में और बाद में 2019 में पूरा करने की बात कही। 2019 में फिर से 2021 तक का समय मांग रही है। AAP सरकार के रवैये को देखते हुए केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल के नेतृत्व में कमेटी गठित करनी पड़ी।

उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद केजरीवाल सरकार इसका श्रेय लेने में लग गई। इसपर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को कहना पड़ा कि दिल्ली सरकार लोगों को गुमराह करने के बजाय कॉलोनियों को नियमित करने के लिए काम करे। 

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