PM Modi Muzaffarpur rally: प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सियासत पर कम, विकास के बारे में की ज्यादा बातें

PM Modi Muzaffarpur rally प्रधानमंत्री ने दलित वंचित शोषित पीडि़त और महिलाओं के विकास की बात की तो दूसरी ओर स्थानीय उत्पादों के महत्व को भी समझाया। जिससे बेरोजगारी की समस्या कम हो और लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़े।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 10:49 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 10:49 AM (IST)
PM Modi Muzaffarpur rally: प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सियासत पर कम, विकास के बारे में की ज्यादा बातें
राज्य में एनडीए सरकार को दोबारा इसलिए चुनने की अपील की, ताकि विकास की गति रुक न जाए।

मुजफ्फरपुर,[संयम कुमार]। PM Modi Muzaffarpur rally: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दरभंगा और मुजफ्फरपुर की चुनावी सभा में विकास पर ज्यादा बोले। उनके भाषण में सियासत के पुुट कम थे, लेकिन प्रभावी थे। एक ओर दलित, वंचित, शोषित, पीडि़त और महिलाओं के विकास की बात की तो दूसरी ओर स्थानीय उत्पादों के महत्व को समझाया। पान, मखाना, लीची, शहद, लहठी की बात की और इन उत्पादों के लिए बाजार की व्यवस्था पर सरकार की नीतियों का जिक्र किया। 

राज्य में एनडीए सरकार को दोबारा इसलिए चुनने की अपील की, ताकि विकास की गति रुक न जाए। चुनाव बाद स्वामित्व योजना को लागू करने की बात कही। इसके साथ ही गैस पाइप लाइन योजना, सड़कों के जाल, जनधन खाता, स्वास्थ्य और रसोई गैस जैसी और अन्य योजनाओं का जिक्र कर हर वर्ग को जोडऩे की कोशिश की। भाषण का आधार विकास की बातें समझाना और सचेत करना रहा। विरोधियों पर वार करने का अंदाज बिल्कुल सहज था। यह कहना काफी था कि एक समय में क्या बिहार जैसे प्रदेश में आइटी की कल्पना की जा सकती थी। अपहरण, अपराध और उसके पोषण की याद दिलाते हुए मतदाताओं को झकझोरा।

युवाओं को आत्मविश्वास से लबरेज बताकर विरोधियों के उकसावे का जवाब दिया। कहा, कुछ लोग भ्रम पैदा करने में माहिर हैं। हम सबका साथ, सबका विकास की नीति पर काम करते हैं। बिहार में संभावनाओं का जिक्र करते हुए राज्य की गरिमा का बखान करना न भूले। इस क्रम में रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट और जैन सर्किट को पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं से जोड़ा। यह जताने की भरपूर कोशिश रही कि ऐसे विचार विरोधियों के दिमाग में नहीं आते। संभावनाओं को तलाशने का हुनर उनमें नहीं। एनडीए सरकार ही यह काम कर सकती है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के विकास को और गति देने की बात कहकर उन्हें भी संदेश देने की कोशिश की जो साथ रहकर भी साथ नहीं हैं। 

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