Bettiah Election 2020: यहां वोटों का बिखराव रोकना सभी दलों के लिए रहेगी बड़ी चुनौती

Bettiah Election News 2020 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से यह सीट भाजपा के कोटे में गई थी और पार्टी की प्रत्याशी रेणु देवी चुनाव लड़ रही हैं। इन दोनों ही प्रमुख गठबंधन में टिकट के कई दावेदार थे जिन्हेंं टिकट नहीं मिला तो वे नाराज हो गए थे।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 10:33 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 07:21 PM (IST)
Bettiah Election 2020: यहां वोटों का बिखराव रोकना सभी दलों के लिए रहेगी बड़ी चुनौती
सविता सिंह नेपाली (बाएं) , मदन मोहन तिवारी (मध्य) एवं रेणु देवी (दाएं)।

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। बेतिया विधानसभा क्षेत्र  के चुनाव परिणाम ने कई दफे राजनीतिक दलों और चुनाव विश्लेषकों को काफी चौंकाया है। चुनाव से पूर्व विकास संबंधी मुद्दों पर होती बहस चुनाव के नजदीक आते-आते दलगत प्रतिबद्धता और जातीय समीकरणों पर सिमट जाती है और फिर चुनाव के परिणाम उसी के इर्द-गिर्द घूमते नजर आते हैं। इस बार भी यहां का हाल कमोवेश कुछ ऐसा ही दिखा। विकास से जुड़े मुद्दे वोटरों की जुबान पर तो था लेकिन अंदरखाने जातिगत लामबंदी का खेल भी परवान पर । इसी परिदृश्य में यहां से कुल 10 प्रत्याशी अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा रहे हैं। महागठबंधन से यह सीट कांग्रेस के पाले में गई है और उसने सीटिंग विधायक मदन मोहन तिवारी  को एकबार पुन: चुनाव मैदान में उतारा है। 

वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से यह सीट भाजपा के कोटे में गई है और पार्टी की प्रत्याशी रेणु देवी चुनाव लड़ रही हैं। इन दोनों ही प्रमुख गठबंधन में टिकट के कई दावेदार थे, जिन्हेंंं टिकट नहीं मिला तो अब वे नाराज  हो गए । हालांकि, संबंधित पार्टी की ओर से उन्हेंंंं मना लिए जाने का दावा किया जा रहा है। उधर, जन अधिकार पार्टी की डॉ. सबिता सिंह नेपाली और राकांपा के परवेज आलम राजग-महागठबंधन की जीत को रोकने में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए थे। वर्ष 2000 से लगातार चार बार विधायक बनींं रेणु देवी को पिछले चुनाव में हार का मुह देखना पड़ा था। जातीय गोलबंदी और अल्पसंयक मतों के ध्रुवीकरण को इसकी प्रमुख वजह बताया गया। इस बार यह फैक्टर कितना प्रभावी होता है, इसपर भी चुनाव परिणाम निर्भर करेगा। यहां 52 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। 

2020 के प्रमुख प्रत्याशी :

रेणु देवी (भाजपा)

मदन मोहन तिवारी (कांग्रेस)

डॉ. सविता सिंह नेपाली (जाप)

प्रमुख मुद्दे :

1. बाढ़ : मझौलिया में आने वाली बाढ़ की समस्या वोटरों के जेहन में होती है। वे इसका स्थायी हल के लिए वर्षों से टकटकी लगाए हैं।

2. अतिक्रमण : पश्चिम चंपारण के इस जिला मुख्यालय में अतिक्रमण की समस्या विकट बन चुकी है।

3. जलजमाव : शहर में जगह-जगह होने वाला जलजमाव नसूर बन चुका है। लोगों में इससे निजात की बेचैनी है। 

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