सरकार के तीन साल

सरकार के समक्ष उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियां भी मुंह बाये खड़ी हैं। वर्ष 2018 तक प्रत्येक गांव के प्रत्येक घर तक बिजली पहुंचाना।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 29 Dec 2017 05:43 AM (IST) Updated:Fri, 29 Dec 2017 05:43 AM (IST)
सरकार के तीन साल
सरकार के तीन साल

रघुवर सरकार ने अपने तीन साल पूरे कर लिए। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसे सेवा के तीन साल का नाम दिया है, उपलब्धियां भी गिनाईं हैं और भावी योजनाओं पर काम करने की प्रतिबद्धता भी दिखाई है। नि:संदेह पहली बार झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में बनी बहुमत की सरकार में बहुत कुछ बदला है। कठोर और त्वरित निर्णय लिए जा रहे हैं। गरीब, किसान व आदिवासियों के हितों के लिए कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भी झारखंड की विकास वृद्धि दर को सराहा गया है। झारखंड की विकास दर 8.6 प्रतिशत रही है जो कि देश भर में गुजरात के बाद सबसे अधिक है। महिलाओं के लिए एक रुपये में रजिस्ट्री की शुरुआत। एक लाख लोगों को नौकरियां देना। 57 लाख गरीब परिवारों का दो लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा जैसे कुछ बड़े कदम उठाए गए हैं। जिसकी तारीफ दबे शब्दों में विरोधी दल भी करते हैं।
सरकार के समक्ष उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियां भी मुंह बाये खड़ी हैं। वर्ष 2018 तक प्रत्येक गांव के प्रत्येक घर तक बिजली पहुंचाना, इसी समयावधि तक राज्य को खुले में शौच से मुक्त करना। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना और प्रत्येक ग्रामीण परिवार को शुद्ध पेयजल मुहैया कराना जैसे तमाम लक्ष्य राज्य सरकार ने साधे हैं। जिन्हें समय पर पूरा करना राज्य सरकार के लिए चुनौती है, क्योंकि लक्ष्य बड़े हैं और इस दिशा में अब तक हुई कोशिशें नाकाफी दिख रहीं हैं। पिछले तीन साल के कार्यकाल के राजनीतिक घटनाक्रम को देखें तो विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष का टकराव चरम पर दिखा। विवाद इस कदर बढ़े कि झारखंड विधानसभा में पिछले चार सत्रों में कार्यवाही न के बराबर चली। सीएनटी-एसपीटी और भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के मसले पर सरकार, विपक्ष को भरोसे में नहीं ले सकी। विपक्ष का आरोप है कि रघुवर दास तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं और महत्वपूर्ण मसलों पर उनकी बात की अनदेखी की जाती है। हालांकि यह अच्छी बात है कि मुख्यमंत्री ने तीन साल पूरे करने के मौके पर विपक्ष के रवैये की आलोचना न कर विकास में उनकी सहभागिता को स्वीकारा है। मुख्यमंत्री के स्तर से स्वस्थ्य राजनीति की पहल की गई है, जिसे विपक्ष को भी खुले दिल से लेना होगा, तभी न्यू झारखंड जैसे सपने समय से साकार होंगे।
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रघुवर सरकार के तीन वर्षों में कई काम हुए हैं जिनका लोहा विपक्षी भी मानते हैं मगर इसके साथ ही कई चुनौतियां भी मुंह बाये खड़ी हैं।

[ स्थानीय संपादकीय: झारखंड ]

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