अलगाववादियों पर लगाम, हिंदुस्तान में रहते हुए पाक के इशारे पर काम

विडंबना यह है कि अलगाववादी नेता हिंदुस्तान में रहते हुए पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे हैं और उन्हें सभी सुविधाएं मिल रही हैं

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 05 May 2018 02:57 PM (IST) Updated:Sat, 05 May 2018 02:57 PM (IST)
अलगाववादियों पर लगाम, हिंदुस्तान में रहते हुए पाक के इशारे पर काम
अलगाववादियों पर लगाम, हिंदुस्तान में रहते हुए पाक के इशारे पर काम

कश्मीर में बैठकर युवाओं को देश के विरुद्ध परोक्ष युद्ध के लिए भ्रमित कर रहे अलगाववादी नेताओं को मुहैया करवाई गई सुरक्षा और उपचार पर होने वाले खर्च को लेकर उच्च न्यायलय की ओर से राज्य सरकार से मांगा गया ब्योरा सराहनीय कदम है। विडंबना यह है कि अलगाववादी नेता हिंदुस्तान में रहकर पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे हैं और उन्हें सभी सुविधाएं मिल रही हैं। यह अच्छी बात है कि अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया और राज्य के प्रमुख सचिव और गृह सचिव के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई पर अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। सरकार को यह कदम खुद उठाने चाहिए थे, लेकिन अदालत ने मामले में हस्तक्षेप किया है तो उस पर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी होगी। इसमें कोई दो राय नहीं कि अलगाववादी नेता देश के खिलाफ षड्यंत्र रचने से बाज नहीं आ रहे हैं, लेकिन जब कभी इन्हें देश में स्वास्थ्य सेवाएं चाहिए होती हैं तो इलाज के लिए वे दिल्ली के एम्स अस्पताल ही पहुंचते हैं। उनकी सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर दिए जाते हैं। इतना ही नहीं इन अलगाववादी नेताओं की संतानें देश के विभिन्न हिस्सों में पढ़ रहे हैं और यह अलगाववादी नेता घाटी में छात्रों को पत्थरबाजी के लिए उकसा रहे हैं, जिससे कश्मीर घाटी में आए दिन हड़ताल के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

हद तो यह है कि अलगाववादी नेता अपनी संतान के भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं, लेकिन उन्हें कश्मीर में पढ़ाई करने वाले बच्चों की कोई चिंता नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एक अलगाववादी नेता की संतान जम्मू-कश्मीर सरकार के पर्यटन विभाग में उच्च पद पर आसीन हैं। स्वार्थपूर्ति में मदहोश अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान टेरर फं¨डग भी करवा रहा है, जिसके सुबूत हाल ही में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पास भी है। इसमें दो राय नहीं कि घाटी में हालात को बिगाड़ने में अलगाववादियों का हाथ रहा है। 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्र से पहले घाटी में हालात बिगाड़ने की सोची समझी साजिश रची जा रही है। सरकार को चाहिए कि वे अलगाववादियों के मंसूबों को भांपते हुए यात्र शुरू होने से पहले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएं।

[ स्थानीय संपादकीय: जम्मू-कश्मीर ]

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