सरकार की प्राथमिकताएं

हिमाचल में बेशक नई सरकार एक्शन में आ गई हो, लेकिन विभाग अब भी पुरानी ही चाल चल रहे हैं। सैकड़ों गांव अब भी सड़क सुविधा से वंचित हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 04 Jan 2018 11:33 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jan 2018 11:33 AM (IST)
सरकार की प्राथमिकताएं
सरकार की प्राथमिकताएं

ब्लर्ब : प्रदेश सरकार के सौ दिन में लंबित कार्यों को निपटाने के आदेश पर अगर विभाग भी जल्द ही दिलचस्पी लेते हैं तो लोगों की राह आसान होगी।
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हिमाचल में बेशक नई सरकार एक्शन में आ गई हो, लेकिन विभाग अब भी पुरानी ही चाल चल रहे हैं। उनके पास अपने विभागों को लेकर कोई विजन नहीं है। वे सरकार की ओर ही टकटकी लगाए बैठे थे, लेकिन दो दिन पहले ही प्रदेश सरकार के मुखिया ने जिस तरीके से लंबित कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं, उससे विभाग भी हरकत में आ गए हैं। लेकिन जब तक विभाग अपनी प्राथमिकताएं तय नहीं कर लेते तब तक सरकार के आदेश को धरातल पर कैसे उतारा जा सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद तीन विभागों ने सक्रियता दिखाते हुए अपना कुछ विजन तैयार किया है। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग और शिक्षा विभाग ने प्राथमिकताएं करते हुए सौ दिन का एजेंडा तैयार करने में पहल की है। आइपीएच विभाग ने विकास का खाका खींचते हुए 19 हजार बस्तियों को पेयजल उपलब्ध करवाने लक्ष्य निर्धारित किया है। पानी सप्लाई की तीन लाइनें बिछाने की योजना है, जिसमें पीने के पानी, नहाने और शौचालय में प्रयोग होने वाले पानी की अलग सप्लाई होगी। हिमाचल में अभी तक इस तरह कहीं भी ऐसी व्यवस्था नहीं है, इसी तरह वन विभाग ने भी पर्यावरण संरक्षण को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। शिक्षा विभाग ने भी अपनी कुछ प्राथमिकताएं करते हुए सरकार के आदेश के साथ कदमताल की है। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के हर स्कूल में बॉयोमीट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज करने के लिए खाका बनाया है। इन विभागों की तरह अन्य विभागों को भी प्रदेश के विकास के लिए योजना बनानी चाहिए, ताकि सरकार के सौ दिन के बाद कुछ बदलाव दिखे। प्रदेश में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा ऐसे क्षेत्र हैं जहां हर समय कुछ बेहतर करने की उम्मीद रहती है। प्रदेश में सैकड़ों गांव अब भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। लोक निर्माण विभाग को ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित करके काम शुरू करना चाहिए। हालांकि सौ दिन के भीतर सभी गांवों को सड़क से जोडऩा संभव नहीं है, लेकिन जब तक सभी गांवों को सड़क से जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाएगा तब तक ऐसे काम को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सकता है। प्रदेश में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां आज भी किसी बीमार व्यक्ति को पालकी पर ही अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है। नई सरकार से लोगों को उम्मीद है कि उनके गांव तक भी सड़क पहुंचेगी।

[ स्थानीय संपादकीय: हिमाचल प्रदेश ]

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