सतर्कता में कमी: देश के कई राज्यों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, और अधिक चौकसी बरतने की जरूरत

इस समय देश उस दौर में है जहां थोड़ी सी भी असावधानी बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है। अंतर मंत्रालय टीम को राज्य के कुछ इलाकों का दौरा करने भेजा गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 20 Apr 2020 09:30 PM (IST) Updated:Tue, 21 Apr 2020 12:23 AM (IST)
सतर्कता में कमी: देश के कई राज्यों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, और अधिक चौकसी बरतने की जरूरत
सतर्कता में कमी: देश के कई राज्यों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, और अधिक चौकसी बरतने की जरूरत

राज्य सरकारों को केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस निर्देश पर गंभीरता दिखाने की सख्त जरूरत है कि लॉकडाउन संबंधी नियमों का उल्लंघन न होने पाए। इस निर्देश की आवश्यकता इसीलिए पड़ी, क्योंकि लॉकडाउन में छूट के पहले ही दिन देश के कई हिस्सों में उसका दुरुपयोग होता दिखा। केरल ने तो अपने स्तर पर कुछ अतिरिक्त छूट दे दी। इसके चलते गृह मंत्रालय को उसे अलग से एक पत्र लिखना पड़ा। यह ठीक है कि केरल में हालात कुछ सुधरते दिख रहे हैं, लेकिन अभी ऐसी स्थिति नहीं कि जोखिम मोल लिया जा सके। केरल सरकार ऐसा ही करती दिखी। उसने रेस्तरां खोलने के साथ कम दूरी की बस यात्रा को तो अनुमति प्रदान की ही, कुछ और ऐसे कामों को भी हरी झंडी दिखाई जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित कर रखा है।

केरल सरकार की मानें तो उसने जो ढील दी वह गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही है और कहीं कोई गलतफहमी हुई है। पता नहीं सच क्या है, लेकिन गृह मंत्रालय के लिए यह आवश्यक है कि वह और अधिक चौकसी बरतने के साथ इसकी निगरानी भी करे कि कहीं लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है? इसकी जरूरत इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि देश उस दौर में है जहां थोड़ी सी भी असावधानी बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है।

यह संतोषजनक अवश्य है कि कोरोना वायरस से ग्रस्त होने वालों के दोगुना होने की दर थोड़ी धीमी पड़ी है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि एक तो देश के कई राज्यों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं और दूसरे, इसके कहीं कोई संकेत नहीं कि कोरोना के कहर से छुटकारा कब मिलेगा? चिंता की बात यह भी है कि कुछ राज्य सरकारें कोरोना वायरस से उपजी महामारी कोविड-19 की रोकथाम को लेकर अपेक्षित सजगता का परिचय देने से इन्कार कर रही हैं। इससे भी खराब बात यह है कि कुछ राज्य इस गहन संकट के समय भी संकीर्ण राजनीति का परिचय देने से बाज नहीं आ रहे।

बंगाल सरकार को इस पर आपत्ति है कि भारत सरकार ने अंतर मंत्रालय टीम को राज्य के कुछ इलाकों का दौरा करने क्यों भेज दिया? हालांकि वह इससे अवगत है कि यह टीम कई राज्यों के उन शहरों में हालात का जायजा लेगी जहां कोरोना वायरस का संक्रमण बेलगाम सा है, लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार के इरादों पर सवाल खड़ा करने और उसकी ओर से भेजी गई टीम से असहयोग करने की धमकी देने में देर नहीं की। यह दुखद है कि ऐसी क्षुद्र राजनीति तब की जा रही जब केंद्र और राज्यों को हर स्तर पर एकजुटता दिखाने की जरूरत है।

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