सराहनीय कदम

सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को करियर काउंसलिंग उपलब्ध कराने की दिल्ली सरकार की योजना स्वागतयोग्य है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 20 Jul 2017 03:12 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jul 2017 03:12 AM (IST)
सराहनीय कदम
सराहनीय कदम

राजधानी के सरकारी स्कूलों में दसवीं से लेकर बारहवीं कक्षा में पढऩे वाले करीब चार लाख बच्चों को करियर काउंसलिंग उपलब्ध कराने की दिल्ली सरकार की योजना स्वागतयोग्य है। यह न सिर्फ छात्रों के लिए सूचनाप्रद व प्रेरणादायी होगी, बल्कि इससे उन्हें आगे की दिशा तय करने में मदद मिलेगी और आत्मविश्वास का संचार भी होगा। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में लगातार तीन वर्षों तक दी जाने वाली ये काउंसलिंग नैतिक, शैक्षणिक व जीवन के अन्य पहलुओं से जुड़े मुद्दों पर आधारित होगी। सरकार का दावा है कि यह देशभर में अपने तरह का पहला कार्यक्रम है, जिससे अन्य राज्य भी प्रेरणा ले सकेंगे। आमतौर पर उपेक्षित समझे जाने वाले दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों को करियर काउंसलिंग उपलब्ध कराना निश्चित ही दिल्ली सरकार का उल्लेखनीय कदम है और यह शिक्षा का स्तर उठाने की सरकार की मंशा प्रदर्शित करता है। दिल्ली सरकार ऐसे कई कदम उठा रही है, जो शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए आवश्यक हैं, लेकिन फिर भी इन स्कूलों में छात्रों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बहुत कुछ किया जाना शेष है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं में कमी के चलते दिल्लीवासियों की पहली पसंद निजी स्कूल ही होते हैं। नर्सरी दाखिले के दिनों में निजी स्कूलों में अपने बच्चे का दाखिला कराने के लिए मारामारी आसानी से देखी जा सकती है। दूसरी ओर, यह निराशाजनक ही है कि राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी स्कूलों की स्थिति देश के किसी दूरदराज के राज्य के सरकारी स्कूलों जैसी ही नजर आती है। सुविधाओं की कमी के कारण छात्रों को इन स्कूलों में शिक्षा का माहौल नहीं मिल पाता। कई स्कूलों में साइंस लैब या कंप्यूटर लैब की भी व्यवस्था नहीं है। यह स्थिति किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जा सकती। ऐसे में दिल्ली सरकार के साथ ही दिल्ली की तीनों नगर निगमों को भी अपने स्कूलों में सुविधाओं और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के गंभीर प्रयास करने चाहिए। राजधानी के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई का बेहतर माहौल उपलब्ध कराना दिल्ली सरकार और नगर निगमों का दायित्व है, उन्हें इसके लिए हरसंभव कदम उठाने चाहिए। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुविधाएं और शिक्षा की गुणवत्ता ऐसी होनी चाहिए कि लोगों को इन स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने से पहले कुछ सोचना न पड़े।

[ स्थानीय संपादकीय : दिल्ली ]

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