जमातियों को नौ स्थानों पर स्थानांतरित करने की अुनमति
कोरोना महामारी के खतरे के बीच निजामुद्दीन मरकज समारोह में शामिल होने वाले 916 विदेशी नागरिकों को नौ अलग-अलग स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएग। कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद क्वारंटाइन सेंटर से स्थानांतरित करने वाली मांग पर दिल्ली सरकार ने स्थानांतरण को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है। वहीं अनापत्ति प्रमाण पत्र पर केंद्र व दिल्ली पुलिस ने भी कोई आपत्ति नहीं उठाई। इस पर न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : तब्लीगी जमात से जुड़े 916 विदेशी नागरिकों को नौ अलग-अलग स्थानों पर स्थानांतरित करने की अनुमति दिल्ली हाई कोर्ट ने दे दी है। हालांकि, इसका खर्चा तब्लीगी मरकज या जमात को ही उठाना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने विदेशी जमातियों को क्वारंटाइन सेंटर से स्थानांतरित करने संबंधी याचिका का निस्तारण कर दिया है।
जमातियों को क्वारंटाइन सेंटर से स्थानांतरित किए जाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली सरकार की तरफ से कोर्ट में अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया था। इसके अलावा केंद्र सरकार व दिल््रली पुलिस ने भी इस पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई। इस पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने विदेशी नागरिकों को नौ अलग-अलग स्थानों पर स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी। हालांकि पुलिस की इजाजत के बिना विदेशी नागरिक कहीं दूसरे स्थान पर नहीं जा सकेंगे। इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया था कि किसी भी विदेशी नागरिक को न तो हिरासत में लिया गया और न ही गिरफ्तार किया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता रेबिका जॉन ने कहा था कि संक्रमित न होने वाले विदेशी नागरिकों को क्वारंटाइन सेंटर से वैकल्पिक जगह पर भेजा गया है। इसमें याचिकाकर्ता मोहम्मद जमाल सहित अन्य विदेशियों ने राजस्व विभाग के 9 मई के उस आदेश को चुनौती दी थी। जिसमें उन 567 विदेशी जमातियों को हिरासत में लिए जाने का आदेश दिया गया था, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।