हाई कोर्ट ने एंटीबॉडी टेस्टिग के परिणाम और विश्लेषण पर रिपोर्ट मांगी

दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) को निर्देश दिया कि दिल्ली में किए जा रहे एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम और विश्लेषण पर अपनी रिपोर्ट पेश करें।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 09:55 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 09:55 PM (IST)
हाई कोर्ट ने एंटीबॉडी टेस्टिग के परिणाम और विश्लेषण पर रिपोर्ट मांगी
हाई कोर्ट ने एंटीबॉडी टेस्टिग के परिणाम और विश्लेषण पर रिपोर्ट मांगी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) को निर्देश दिया कि दिल्ली में किए जा रहे एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम और विश्लेषण पर अपनी रिपोर्ट पेश करें। दिल्ली सरकार ने 27 जून से 5 जुलाई के बीच पूरे शहर में 21793 एंटीबॉडी सैंपल एकत्रित किए।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने एनसीडीसी को 16 जुलाई तक टेस्ट परिणाम पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि वह इस परिणाम पर अपना विश्लेषण भी पेश करें। पीठ ने एनसीडीसी के निदेशक को अगली सुनवाई पर अदालत में मौजूद रहने को कहा।

पीठ ने इसके साथ ही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को भी रैपिड एंटीजेन टेस्ट के संबंध में निजी अस्पतालों के पास आए आवेदन पर ताजा शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। वहीं, पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि एंटीजेन टेस्ट कराने के बाद निगेटिव आने वाले लोगों की संख्या बताएं।

हाई कोर्ट ने यह सभी निर्देश अधिवक्ता राकेश मल्होत्रा के माध्यम से याचिकाकर्ता संजीव शर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। संजीव शर्मा ने दलील दी कि ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां पर आकस्मिक सर्जरी के लिए अस्पताल जाने वाले मरीजों की कोरोना जांच निजी अस्पताल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार और सभी अस्पतालों व नर्सिग होम को कोरोना जांच कराने का निर्देश दिया जाए। साथ ही वे इसकी जानकारी संबंधित वेबसाइटों पर हर दिन दें ताकि मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भागने की जरूरत न पड़े।

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