देश में पहली बार मालगाड़ी में लगा टॉयलेट सुविधा से लैस डीजल इंजन

टॉयलेट सुविधा से लैस देश का पहला रेल इंजन अब ट्रैक पर उतर चुका है। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इसे दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

By Amit MishraEdited By: Publish:Sat, 07 May 2016 07:49 AM (IST) Updated:Sat, 07 May 2016 05:50 PM (IST)
देश में पहली बार मालगाड़ी में लगा टॉयलेट सुविधा से लैस डीजल इंजन

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को आयोजित समारोह में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने वैक्यूम बायो शौचालय वाले पहले डीजल इंजन को झंडी दिखाकर रवाना किया। इसे मालगाड़ी में लगाया गया है।

रेल मंत्री बोले, पूरा किया वादा

इंजन को डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (डीएलडब्ल्यू) वाराणसी में तैयार किया गया है। इसमें सुरक्षा व स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा गया है। सुरेश प्रभु ने कहा कि उन्होंने रेल बजट में इंजन चालकों की परेशानी दूर करने का वादा किया था और डीएलडब्ल्यू ने इसे 70 से भी कम दिनों में पूरा कर दिया।

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रेल मंत्री ने कहा कर्मचारियों की समस्या हल करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। चेयरमैन से लेकर ट्रैकमैन तक रेल प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण हैं। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि कर्मचारियों की जो समस्याएं रेलवे प्रशासन के दायरे में नहीं आती हैं, उन्हें पूरा करने के लिए संबंधित विभागों से बात की जा रही है। आने वाले दिनों में ज्यादा ट्रेनों में शौचालय युक्त इंजन लगाए जाएंगे।

समारोह में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल, रेलवे बोर्ड के सदस्य हेमंत कुमार, मोहम्मद जमशेद, एके कपूर, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक एके पुठिया, दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक मंजू गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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यह है खासियत

डीएलडब्ल्यू द्वारा तैयार वातानुकूलित व शौचालय युक्त इंजन ‘डुएल कैब डब्ल्यूडीजीडी4डी’ 4500 उच्च अश्वशक्ति वाला है। इसके निर्माण में 17.5 लाख रुपये से ज्यादा लगे हैं। इस आधुनिक शौचालय में एक बार फ्लश के लिए केवल 250 मिलीलीटर पानी खर्च होगा, जबकि परंपरागत डिजाइन वाले शौचालय में एक बार फ्लश करने पर करीब 10 लीटर पानी खर्च होता है। वैक्यूम के साथ ही यह जैविक तकनीक पर आधारित है। इससे मानव अपशिष्ट रेल लाइन पर नहीं गिरेगा।

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