कम जगह में भी गागर में सागर की तरह है पंजाब मंडप

अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला ------------------ -परंपरागत व्यंजन तो नहीं, लेकिन कारीगरी को दिया

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 08:12 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 08:12 PM (IST)
कम जगह में भी गागर में सागर की तरह है पंजाब मंडप
कम जगह में भी गागर में सागर की तरह है पंजाब मंडप

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

स्थानाभाव में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार राज्य मंडपों को भी बहुत कम जगह मिली है। बावजूद इसके इनमें गागर में सागर का भाव देखने को मिलता है। मेले की थीम ग्रामीण उद्यमिता के अनुरूप पंजाब और झारखंड के मंडप भी इस कसौटी पर खरे उतरते हैं।

हॉल नं. 12ए में लगे पंजाब मंडप में ग्रामीण कारीगरों को ही स्थान व महत्व दिया गया है। मंडप में कुल 13 स्टॉल लगाए गए हैं। होशियारपुर का इन-ले वर्क सभी को पसंद आ रहा है। शीशम की लकड़ी पर प्लास्टिक शीट लगाकर जिस तरह से उस पर डिजाइनिंग हुई है, वो मजबूती के साथ उसकी सुंदरता की भी परिचायक है।

पटियाला के शूट, अमृतसर की जूती और फुलकारी का काम भी आकर्षित करता है। इसके अलावा वहां के पैक दूध दही उत्पाद भी शौकीनों को भा रहे हैं। मंडप प्रभारी बताते हैं कि इस साल पंजाब के परंपरागत व्यंजनों का स्वाद तो मेला दर्शकों को नहीं मिल पा रहा है, लेकिन पंजाब दिवस पर वहां के सांस्कृतिक संगीत एवं नृत्य का आनंद अवश्य लिया जा सकेगा।

इसी तरह झारखंड का मंडप वहां की आदिवासी कला की गाथा बयां करता है। झारखंड मंडप के निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मंडप के मुख्य द्वार पर बिरसा मुंडा की प्रतिमा दर्शकों को काफी लुभा रही है। दर्शक इसके साथ सेल्फी ले रहे हैं। इस साल यहां कुल 27 स्टॉल लगाए गए हैं। सभी पर क्षेत्र के आदिवासी कलाकारों को अपने हुनर का प्रदर्शन करने का अवसर दिया गया है। इनमें राज्य का हस्तशिल्प, हैंडलूम, खादी, लाक की चूड़िया, आर्ट ज्वैलरी आदि स्टॉलों पर लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।

मंडप में गुमला से आई शकुंतला देवी स्वयं सहायता समूह के सहयोग से जामुन सिरका, मधु एवं स्वादिष्ट आचार आदि लेकर आई हैं। दर्शक उनके उत्पादों को काफी पसंद कर रहे है एवं खरीदारी भी कर रहे हैं। 22 नवंबर को हंसध्वनि थियेटर में झारखंड दिवस मनाया जाएगा।

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