अंबेडकर खेल परिसर की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंपने का प्रस्ताव खारिज

की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंपने का प्रस्ताव खारिज

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 02:15 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 02:15 AM (IST)
अंबेडकर खेल परिसर की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंपने का प्रस्ताव खारिज
अंबेडकर खेल परिसर की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंपने का प्रस्ताव खारिज

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : त्रिलोकपुरी में बने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर खेल परिसर के प्रचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंपने का प्रस्ताव बृहस्पतिवार को पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में खारिज कर दिया गया। सदस्यों ने आरोप लगाया कि खेल परिसर का टेंडर करने में अधिकारियों ने अनियमितता बरती है। इसकी जांच होनी चाहिए और उन अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

स्थायी समिति के अध्यक्ष बीर सिंह पंवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक बाबा साहब भीमराव अंबेडकर खेल परिसर के प्रचालन और रखरखाव के टेंडर पर चर्चा से शुरू हुई। नेता सदन सतपाल सिंह ने कहा कि वर्ष 2019 में चार एजेंसियों ने खेल परिसर को लेने के लिए टेंडर में हिस्सा लिया था। उनमें से 7.50 लाख रुपये मासिक किराया प्रस्तावित करने वाली एजेंसी को टेंडर दे दिया गया था, लेकिन एक साल तक निगम के कुछ अधिकारियों ने उस एजेंसी को खेल परिसर ही नहीं सौंपा। बाद में यह कहकर टेंडर निरस्त कर दिया कि अब फुटबाल का एस्ट्रो टर्फ बन चुका है, इसका मासिक किराया ज्यादा होना चाहिए था। नेता सदन ने कहा कि अब मात्र 55 हजार 750 रुपये मासिक किराये पर खेल परिसर उस एजेंसी को सौंपा जा रहा है, जोकि टेंडर प्रक्रिया में अकेली थी। उन्होंने टेंडर से जुड़े अधिकारियों पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। पार्षद गुंजन गुप्ता ने रिपोर्ट बनाने में अनियमितता बरतने पर अफसोस जताया। नेता सदन ने नई आबकारी नीति को लेकर निदा प्रस्ताव भी रखा।

समिति के उपाध्यक्ष दीपक मल्होत्रा ने अवैध यूनिपोल का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कई जगह यूनिपोल के करार खत्म हुए थे। कागजों में वह यूनिपोल हट गए, लेकिन वास्तविकता में वह वहीं लगे हुए हैं। आरोप लगाया कि कुछ लोग निगम के स्टाफ के साथ मिलकर उन पर होर्डिंग लगवाकर किराया वसूल रहे हैं। उससे निगम को नुकसान हो रहा है। उन्होंने इसकी जांच कराकर दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पार्किंग से होने वाली आय के कम होने पर चिता जताते हुए आरोप लगाया कि निगम के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की निष्क्रियता की वजह से ऐसा हो रहा है। साथ ही बताया कि कई जगह निर्धारित जगह से ज्यादा क्षेत्रफल में पार्किंग संचालित कर ठेकेदार मोटी कमाई कर रहे हैं, लेकिन निगम को सीमित किराया दे रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने अतिक्रमण के खिलाफ चलने वाले अभियान के दौरान व्यापारियों के जब्त सामान की नीलामी करने पर आपत्ति जताई। पार्षद पुनीत शर्मा ने खुले में मीट की बिक्री पर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई की मांग की। पार्षद शशि चांदना ने लोगों को नोटिस या सूचना हिदी में भेजने का प्रस्ताव रखा। विपक्ष की तरफ से पार्षद मोहिनी जीनवाल ने नेता सदन के निदा प्रस्ताव पर आपत्ति जताई। मंदिर को लाइसेंस के लिए निगम ने भेजा नोटिस

मयूर विहार फेज-एक स्थित हनुमान मंदिर के पुजारियों को नगर निगम की तरफ से लाइसेंस बनवाने का नोटिस भेजा गया है। इस मुद्दे को पूर्व महापौर एवं पटपड़गंज के पार्षद बिपिन बिहारी सिंह ने स्थायी समिति की बैठक में उठाया। उन्होंने मंदिर को नोटिस भेजे जाने पर आपत्ति जताई। साथ ही अधिकारियों से सवाल किया कि मंदिर में ऐसा कौन सा कार्य हो रहा है कि उसके लिए लाइसेंस बनवाया जाए। उन्होंने इस तरह के नोटिस पर तत्काल रोक लगाने और भेजे गए नोटिस निरस्त करने की मांग की है।

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