नौंवी व दसवीं कक्षा के बच्चों की ऑनलाइन काउंसलिंग की

कोरोना संकट के दौरान छात्र घर में ही सिमटकर रह गए हैं। ऑनलाइन क्लास से उनकी पढ़ाई हो रही है। द्वारका स्थित छोटी सी खुशी संस्था से जुड़े छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए ऑनलाइन काउंसिलिग का आयोजन किया गया। इसमें नौंवी व दसवीं कक्षा के बच्चों ने भाग लिया। इस दौरान रोहित कपूर ने बच्चों से उनकी पसंदीदा विषय के बारे में बात की और उन्हें उचित सलाह दी। कई बार होता है कि हम खुद ही नहीं समझ पाते हैं कि क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए। उस समय हमें किसी का ये बताना कि तुम क्या -क्या और कैसे कर सकते हो हमें दिशा देता है और हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता हैं। रोहित कपूर ने इस दौरान छात्रों से कहा कि सुबह जल्दी जगें। इसके बाद प्रतिदिन गणित के तीस प्रश्न हल करें। साथ ही दो से तीन घंटे अन्य विषयों का अभ्यास करें।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 09:24 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 09:24 PM (IST)
नौंवी व दसवीं कक्षा के बच्चों की ऑनलाइन काउंसलिंग की
नौंवी व दसवीं कक्षा के बच्चों की ऑनलाइन काउंसलिंग की

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : कोरोना संकट के दौरान छात्र घर में ही सिमटकर रह गए हैं। ऑनलाइन क्लास से उनकी पढ़ाई हो रही है। द्वारका स्थित छोटी सी खुशी संस्था से जुड़े छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए ऑनलाइन काउंसलिग का आयोजन किया गया। इसमें नौंवी व दसवीं कक्षा के बच्चों ने भाग लिया। इस दौरान रोहित कपूर ने बच्चों से उनकी पसंदीदा विषय के बारे में बात की और उन्हें उचित सलाह दी। कई बार होता है कि हम खुद ही नहीं समझ पाते हैं कि क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए। उस समय हमें किसी का ये बताना कि तुम क्या-क्या और कैसे कर सकते हो, हमें दिशा देता है और हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

रोहित कपूर ने इस दौरान छात्रों से कहा कि सुबह जल्दी उठें। इसके बाद प्रतिदिन गणित के तीस प्रश्न हल करें। साथ ही दो से तीन घंटे अन्य विषयों का अभ्यास करें। लिखित रूप से अभ्यास करना ज्यादा फलदायी होता है। इस दौरान बच्चों ने भी अपने सवाल पूछे, जिसका उत्तर रोहित कपूर ने दिया। छोटी सी खुशी संस्था से जुड़ी नमिता चौधरी ने बताया कि छात्रों का मार्गदर्शन बहुत जरूरी है। इससे उनमें आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। कोरोना संकट के समय छात्र अपने शिक्षकों से नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में हमारी कोशिश रहती है कि ऑनलाइन ही छात्रों से बात की जाए और उनकी समस्या का निस्तारण किया जाए।

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