IB का अलर्ट, जिहादियों से हो सकता है निर्भया के 'नाबालिग' दोषी का संबंध!

इंटेलिजेंस ब्यूरो ने आशंका जताई है कि बदायूं में रह रहे बालिग अपराधी के जिहादी लिंक हो सकते हैं। इस बाबत बदायूं प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 29 Jun 2016 12:14 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jun 2016 08:04 AM (IST)
IB का अलर्ट, जिहादियों से हो सकता है निर्भया के 'नाबालिग' दोषी का संबंध!

नई दिल्ली (जेएनएन)। इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) ने अलर्ट जारी चेताया है कि दिल्ली के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म में दोषी नाबालिग लड़का खूंखार आतंकियों के संपर्क में है। IB ने इसे लेकर पहले भी अलर्ट जारी किया था, लेकिन तब इस पर सफाई दे दी गई है। गौरतलब है कि वह अब नाबालिग नहीं, इस दोषी की उम्र अब 21 साल हो चुकी है।

यहां पर बता दें कि साल 2012 के निर्भया कांड के 'नाबालिग' दोषी को रिहा कर दिया है, हालांकि अब भी वह निगरानी में है। दोषी को बीते साल दिसंबर में बाल सुधार गृह से रिहा किया गया था।

इंटेलिजेंस ब्यूरो ने आशंका जताई है कि 'बालिग' हो चुके अपराधी के जिहादी लिंक हो सकते हैं। इस बाबत उत्तर प्रदेश में उसके गृह जिले बदायूं प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया गया है।

खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी की माने तो हमने हाल ही कुछ गतिविधियों को नोटिस किया और स्थानीय प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी है।

... इसलिए हो रहा शक

IB के मुताबिक, बाल सुधार गृह में निर्भया का दोषी एक कश्मीरी लड़के के साथ रहता था, जो 2011 के दिल्ली हाई कोर्ट बम धमकों में शामिल था। दोनों करीब एक साल तक एक ही कमरे में रहे थे।

बताया जाता है कि इस दौरान कश्मीरी युवक ने उसे कश्मीरियों की समस्या के बारे में बताया था और किस्से सुनाकर कश्मीरियों के हक में आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया था।

बदायूं में रहता है दोषी

बताया जा रहा है कि दोषी फिलहाल बदायूं में रह रहा है और आतंकियों के संपर्क में है। बता दें कि जुवेनाइल होम से उसकी रिहाई से पहले भी आईबी ने अलर्ट जारी कर कहा गया था कि दोषी जुवेनाइल होम में एक कश्मीरी लड़के के साथ रहा था। ये लड़का दिल्ली हाईकोर्ट में 2011 में हुए ब्लास्ट केस में आरोपी है।

रिहाई का हुआ था विरोध

दोषी को तीन साल बाल सुधार गृह में रखने के बाद पिछले साल ही रिहा किया गया है। इसकी रिहाई का देशभर में काफी विरोध हुआ था। यहां तक कि निर्भया के माता-पिता ने इसके लिए कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाया था।

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