Bihar Election Result 2020: बिहार में कांग्रेस की हार के बाद जानिये- दिल्ली में क्यों पसरा है सन्नाटा

बिहार के बाद अब नेताओं को दिल्ली का भविष्य भी धूमिल नजर आ रहा है। चिंता इस बात की है कि दिल्ली से संसद और विधानसभा की हिस्सेदारी छिन जाने के बाद अगर नगर निगम की सत्ता भी हाथ से गई तो कोई सलाम ठोकने वाला तक नहीं रह जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 08:52 AM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 11:28 AM (IST)
Bihar Election Result 2020: बिहार में कांग्रेस की हार के बाद जानिये- दिल्ली में क्यों पसरा है सन्नाटा
दिल्ली प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच गई हैं।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Bihar Election Result 2020: बिहार चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन से दिल्ली में भी मातम छा गया है। रुझानों को देखते हुए पहले जहां प्रदेश कार्यालय में उत्साह का माहौल था, वहीं चुनाव परिणाम घोषित होने पर सन्नाटा पसर गया। प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच गई हैं। दरअसल, बिहार के बाद अब नेताओं को दिल्ली का भविष्य भी धूमिल नजर आ रहा है। चिंता इस बात की सता रही है कि दिल्ली से संसद और विधानसभा की हिस्सेदारी छिन जाने के बाद अगर नगर निगम की सत्ता भी हाथ से गई तो कोई सलाम ठोकने वाला तक नहीं रह जाएगा। इसीलिए इन नेताओं के बीच कानाफूसी शुरू हो गई है कि अगर समय रहते नहीं संभला, तो दिल्ली भी हाथ से फिसल जाएगी। ऐसे में जल्द ही दिल्ली कांग्रेस को लेकर भी पार्टी नेता आलाकमान से मिलने पर विचार कर रहे हैं।

हाईकमान की खुशामद!

देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस दम तोड़ती जा रही है, लेकिन कुछ नेता हैं कि उसकी मजबूती की ¨चता करने के बजाय हाईकमान की खुशामद में लगे रहते हैं। बिहार में पार्टी की हार के बाद पूर्व केंद्रीय नेता कपिल सिब्बल ने गलत नहीं कहा कि कांग्रेस ने हार को तकदीर मान लिया है। एक वरिष्ठ नेता की यह तल्ख टिप्पणी उस दर्द को बयां करती है जो पार्टी का वजूद खत्म होते देख बढ़ता जा रहा है। यह दर्द केवल उनका नहीं, पार्टी सांसद कीर्ति चिदंबरम सहित ढेरों नेताओं का है। वहीं दूसरी तरफ ऐसे नेता भी हैं जो हाईकमान को खुश करने के लिए सच बयां करने वाले नेताओं की निष्ठा पर ही सवाल खड़े करने लगते हैं। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने सिब्बल को अपने मातहत काम करने का सुझाव देकर कुछ ऐसा ही किया। अरे भाई जी, सच को स्वीकारो। पार्टी है तो आप हो।

पीसी चाको के सिपहसालार पहुंचे चौधरी के द्वार

दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रभारी पीसी चाको के काफी करीबी रहे पूर्व प्रदेश महासचिव ओमप्रकाश विधूड़ी की प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी से मुलाकात सियासी गलियारों में खासी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस मुलाकात की तस्वीर भी न केवल पार्टी के वाट्सएप ग्रुप बल्कि फेसबुक पर भी वायरल हो रही है और लोग इस पर खूब कमेंट भी कर रहे हैं। दरअसल पेच यह है कि चाको ने अनिल चौधरी को कभी तवज्जो नहीं दी। दूसरी तरफ विधूड़ी की कोई भी गतिविधि चाको की सहमति से जोड़कर देखी जाती रही है। ऐसे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। किसी का कुछ कहना है तो किसी का कुछ मानना है। हालांकि विधूड़ी का कहना है कि चौधरी दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उनके निर्देशों का पालन करना उनका कर्तव्य है। यह सुनकर बहुत हैरानी होती है कि अपने अध्यक्ष से मिलना भी चर्चा में आ जाता है।

बनी हेल्थ इमरजेंसी, आयोग के फूले हाथ पांव

दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण से जंग में केंद्र सरकार ने 18 सदस्यीय नया आयोग तो बना दिया, लेकिन एयर इंडेक्स गंभीर हुआ औैर हेल्थ इमरजेंसी के हालात बने तो इसके हाथ पांव ही फूल गए। निरंतर छह दिन तक प्रदूषण का गंभीर स्तर बना रहा जबकि आयोग कोई निर्णय नहीं ले सका। जब स्थिति काबू से बाहर होने लगी तो रातोंरात आयोग के सदस्य एवं संयुक्त सचिव अर¨वद कुमार नौटियाल ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अध्यक्ष एसडी मीना को इस हालात से निपटने के लिए अधिकृत कर दिया। दिलचस्प यह कि सीपीसीबी अध्यक्ष भी इमरजेंसी लागू करके अपने सिर बुराई नहीं लेना चाहते थे। इसलिए टास्क फोर्स की बैठक अगले दिन सुबह रखी, क्योंकि पहले से पूर्वानुमान था कि सुबह स्थिति में काफी सुधार हो जाएगा। अंतत: वहीं हुआ, वायु प्रदूषण का स्तर सुधर गया, इमरजेंसी भी नहीं लगी। कोई बुरा नहीं बना।

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