चौराहा एक पर नाम अनेक , उपनगरी में विभिन्न चौराहों को लोगों ने अपनी मर्जी से दिए नाम

द्वारका सेक्टर 11 व 12 के क्रॉसिंग पर बने चौराहे का नाम किसी ने केएम चौक तो किसी ने कोजी चौक रख दिया। इसी तरह सेक्टर 22 के पास स्थित चौराहे पर भी दो बोर्ड दिखाई देते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 09:58 AM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 09:58 AM (IST)
चौराहा एक पर नाम अनेक , उपनगरी में विभिन्न चौराहों को लोगों ने अपनी मर्जी से दिए नाम
डीडीए की बैठक में अनेक बार इस मामले को उठाया गया।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। उपनगरी द्वारका में चौराहों के नाम को लेकर लूट मची है। लोग या संस्थाएं अपने मन के मुताबिक चौराहों का नामकरण कर रहे हैं। आलम यह है कि एक ही चौराहे पर अनेक नामों के बोर्ड दिखाई देते हैं। ऐसे में आप मास्टर प्लान सब सिटी में कब कहां भ्रम के शिकार हो जाएं इस बात की कोई गारंटी नहीं है। मुमकिन है कि आप गंतव्य तक पहुंच चुके हों लेकिन आपको इस बात का एहसास नहीं हो पाए। इसके चलते दूर निकल जाएं।

असल में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा योजना के तहत बसाई गई द्वारका के चौराहों के नामकरण के लिए विभाग में कोई नीति नहीं है। इसके चलते लोगों ने खुद ही एक-एक चौराहे के कई नाम रख लिए हैं। चौराहे के आस पास जितने सोसाइटियां हैं, उतने चौराहे का नाम है। इस तरह का नजारा द्वारका में आम है। सेक्टर पांच और छह के एक ही चौराहे का नाम शक्ति चौक और कावेरी चौक रख दिया गया। 

एक पर डीजीएस चौक तो दूसरे पर कारमेल चौक लिखा दिखाई देता है। अक्षरधाम अपार्टमेंट के पास स्थित चौराहे पर भी ऐसी ही स्थिति दिखती है। एक पर विवेकानंद चौक तो दूसरे पर कारगिल चौक लिखा है। ऐसी स्थिति और भी कई जगह दिखाई देती है। ऐसा नहीं है कि डीडीए को नाम को लेकर मची इस लूट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। डीडीए की बैठक में अनेक बार इस मामले को उठाया गया। लेकिन यह मामला बैठक तक ही सीमित होकर रह जाता है। कार्रवाई के नाम पर नतीजा सिर्फ सिफर है।

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