दुनिया भर के शोधकर्ताओं को DU ने दिया मंच, शुरू किया बाधारहित अनुसंधान कार्यक्रम

डीयू अपने उत्कृष्ट संस्थान विभाग की तरफ से बाधारहित अनुसंधान कार्यक्रम को शुरू कर रहा है। इसमें डीयू के शोधकर्ताओं के साथ ही दुनिया भर के शोधकर्ता एक मंच पर जुट सकते हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 19 May 2020 04:19 PM (IST) Updated:Tue, 19 May 2020 04:19 PM (IST)
दुनिया भर के शोधकर्ताओं को DU ने दिया मंच, शुरू किया बाधारहित अनुसंधान कार्यक्रम
दुनिया भर के शोधकर्ताओं को DU ने दिया मंच, शुरू किया बाधारहित अनुसंधान कार्यक्रम

नई दिल्ली [राहुल मानव]। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत कर रहा है। डीयू अपने उत्कृष्ट संस्थान विभाग की तरफ से बाधारहित अनुसंधान कार्यक्रम को शुरू कर रहा है। इसमें डीयू के शोधकर्ताओं के साथ ही दुनिया भर के शोधकर्ता अपने शोध प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव भेज सकते हैं।

केंद्र सरकार से मिलेंगे एक हजार करोड़

मानव संसधान विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने उत्कृष्ट संस्थान स्कीम के मद्देनजर पिछले वर्ष डीयू को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिया था। जिसके तहत डीयू को केंद्र सरकार से एक हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। डीयू ने उत्कृष्ट संस्थान विभाग का भी गठन कर दिया है। विज्ञान, एप्लाइड साइंस, टेक्नोलॉजी, मेडिकल साइंस , मैथेमेटिकल साइंस, आर्ट्स, समाज विज्ञान, कॉमर्स, मैनेजमेंट, लॉ के क्षेत्र में अनुसंधान कर रहे शोधकर्ता इस कार्यक्रम में अपने प्रोजेक्ट के लिए आवदेन कर सकते हैं।

तीन से चार साल के लिए मिलेगा समय

विज्ञान, एप्लाइड साइंस, टेक्नोलॉजी, मेडिकल साइंस के रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए चार साल का समय दिया जाएगा। बाकी बताए गए क्षेत्रों में तीन साल के लिए रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए समय दिया जाएगा। डीयू की वेबसाइट में जाकर इस कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी देख सकते हैं और वहां पर जाकर अपने रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं।

स्‍क्रीनिंग कमेटी करेगी प्रोजेक्‍ट का चुनाव

डीयू की स्क्रीनिंग कमेटी प्रोजेक्ट का चुनाव करेगी। इसके बाद प्रोजेक्ट का चयन करते हुए उसे अकादमिक सलाहकार समिति और डीयू के उत्कृष्ट संस्थान के उस प्रोजेक्ट से जुड़े स्कूल उसकी मंजूरी देंगे। इसके बाद उस रिसर्च प्रोजेक्ट को फंड दिया जाएगा।

समाज की तरक्की को मिलेगा बल

डीयू के उत्कृष्ट संस्थान के महानिदेशक प्रो महाराज पंडित ने बताया कि इस कार्यक्रम से समाज की विभिन्न समस्याओं को अनुसंधान व तकनीक के माध्यम से सुलझाने में सहयोग मिलेगा। दुनिया भर के शोधकर्ताओं व छात्र इससे जुड़ सकेंगे। इससे डीयू की राष्ट्रीय स्तर व अंतराष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में भी सुधार होगा।

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