एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने के लिए पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी ने कसी कमर, 25 उत्पादों का प्रयोग रहेगा प्रतिबंधित

सिंगल यूज प्लास्टिक से बने 19 उत्पादों को पर्यावरण विभाग ने चिह्नित किया है जिनके प्रयोग पर एक जुलाई से पूरी तरह से प्रतिबंध होगा। इसके अलावा दिल्ली में नगर निगम ने छह अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक की भी पहचान की है जिस पर प्रतिबंध रहेगा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 27 Jun 2022 12:30 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jun 2022 12:30 PM (IST)
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने के लिए पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी ने कसी कमर, 25 उत्पादों का प्रयोग रहेगा प्रतिबंधित
बाजार में कियोस्क खोलकर कपड़े और जूट के थैले कराए जाएंगे उपलब्ध।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। राजधानी में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) का इस्तेमाल रोकने के लिए पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने तैयारी कर ली है। सिंगल यूज प्लास्टिक से बने 19 उत्पादों को पर्यावरण विभाग ने चिह्नित किया है, जिनके प्रयोग पर एक जुलाई से पूरी तरह से प्रतिबंध होगा।

इसके अलावा दिल्ली में नगर निगम ने छह अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक की भी पहचान की है, जिस पर प्रतिबंध रहेगा। इसका पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्ती की जाएगी। साथ लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प देने के लिए बाजारों में कियोस्क खोलने का भी दावा किया जा रहा है, जहां कपड़े, जूट इत्यादि से बने पर्यावरण के अनुकूल बैग उपलब्ध होंगे।

एसयूपी से पर्यावरण को हो रही क्षति के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक से तीन जुलाई तक त्यागराज स्टेडियम में मेला लगेगा। इसमें एसयूपी के विकल्प वाले उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। डीपीसीसी के अनुसार ग्रीन दिल्ली एप को भी अपग्रेड किया गया है, ताकि एप पर मिलने वाली शिकायतों का दो दिन में निपटारा किया जा सके। इसके अलावा अर्बन लोकल बाडी (यूएलबी), नोडल अधिकारियों की पूरी जानकारी सीपीसीबी के एप पर अपलोड कर दी गई। ऐसे बाजारों की पहचान की गई है, जहां पालीथिन के बैग का इस्तेमाल अधिक होता है। इन बाजारों में कपड़े, जूट इत्यादि के बैग को बढ़ावा देने के लिए कियोस्क शुरू किए जाएंगे।

हालांकि, अभी बाजारों में इसका विकल्प नहीं दिख रहा है। बाजारों को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए सर्वे किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी श्रीराम औद्योगिक अनुसंधान संस्थान को दी गई है, जो चार माह में सर्वे पूरा करेगा। डीपीसीसी के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों का निर्माण करने वाली इकाइयों का सर्वे किया जा रहा है। इसी क्रम में छह औद्योगिक क्षेत्रों व तीन पुनर्विकास क्षेत्रों में चल रहीं तीन हजार से अधिक इकाइयों का सर्वे किया गया है, इनमें से किसी भी इकाई में प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जा रहा है।

निगम ने इन उत्पादों की पहचान की है नगर निगम ने जिन छह अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों की प्रतिबंध के लिए पहचान की है। उसमें 250 मिलीलीटर से कम की पानी की बोतल, पानी का पाउच, प्लास्टिक बैनर व पोस्टर, खाना पैक करने में इस्तेमाल होने वाला क्लिंग फिल्म, सास का छोटा पाउच, मल्टीलेयर सिगल यूज प्लास्टिक व थर्मोकोल कटलरी शामिल है।

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत कार्रवाई उत्पादन करने वाली बंद की गई यूनिट - 14

बंद की गई रिसाइक्लर यूनिट- 17

उत्पादकों पर जुर्माना- 103.81 लाख

उत्पादों से जुर्माना वसूली- 25.5 लाख

रिसाइक्लर पर जुर्माना- 262.2 लाख

रिसाइक्लर से जुर्माना वूसली- 132 लाख

प्रतिदिन उत्पन्न होने वाला प्लास्टिक कचरा

सीपीसीबी के अनुसार वर्ष 2018-19- 644 टन

दिल्ली सरकार द्वारा कराए गए अध्ययन के अनुसार 2020- 1060 टन (प्रतिदिन निकलने वाले ठोस कूड़े का 10.10 प्रतिशत)

सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा- 587 (प्रतिदिन निकलने वाले ठोस कूड़े का 5.6 प्रतिशत)

इस साल प्रतिदिन निकलने वाला प्लास्टिक कचरा- 1140

सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा- 632

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