सुरक्षित दीपावली मनाने के लिए ये है डॉक्टर की सलाह, आग लगने पर ऐसे करें बचाव
अगर पटाखे जला रहे हैं तो हल्के बारूद वाले पटाखे जलाएं। इससे वायु व ध्वनि प्रदूषण कम होने के साथ ही चोट पहुंचने का चांस भी कम हो जाएगा।
गुरुग्राम, जेएनएन। दीपावली पर शौक पूरा करने के लिए जलाए जाने वाले पटाखे अक्सर शरीर को ऐसी चोट दे जाते हैं, जिससे जीवनभर पछतावा रहता है। जिला नागरिक अस्पताल के सर्जन डॉ. संजय नरूला का कहना है कि हर वर्ष दीपावली की रात बड़ी संख्या में मरीज जले हुए आते हैं।
पटाखे जलाते समय सावधानी रखनी चाहिए। डॉ. ने कहा कि उनके पास 40 प्रतिशत जले हुए मरीजों का इलाज करने की सुविधा है और बच्चों के लिए 20 प्रतिशत जले हुए को इलाज दिया जा सकता है। इससे ज्यादा जले हुए मरीजों को दिल्ली सफदरजंग भेजा जाता है।
हल्के बारूद के पटाखे जलाएं
अगर पटाखे जला रहे हैं तो हल्के बारूद वाले पटाखे जलाएं। इससे वायु व ध्वनि प्रदूषण कम होने के साथ ही चोट पहुंचने का चांस भी कम हो जाएगा। एक लकड़ी पर मोमबत्ती बांधकर रखें जिससे पटाखे को आग देते समय दूरी बनी रहे।
बचाव
- अगर व्यक्ति के कपड़ों में आग लग जाए तो उस पर पानी न डालें। कोई भी कंबल या सूती कपड़ा डालकर आग बुझाएं।
- अगर व्यक्ति अकेला है और आग लग जाए तो जमीन पर लेटकर अपने शरीर को पल्टी मारना शुरू करे। ऐसे में आग बुझ जाएगी।
- अगर पटाखे जलाते समय हाथ या अन्य शरीर पर बारूद लगा है तो ठंडे पानी से साफ करें।
- जले हुए हिस्से पर कुछ भी तेल आदि न लगाएं, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
आंखों में नुकसान
पटाखे कई तरह के हैं। जैसे कोई जमीन पर जलने वाला है तो कोई ऊपर आसमान में जाकर जलता है। ऐसे में ऊपर जाने वाले पटाखे आंखों पर ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे पटाखों का प्रयोग करने से बचें और दूरी बनाकर जलाएं। नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर प्रिया शर्मा का कहना है कि ऐसे बहुत मरीज आते हैं जिनकी आंखों में जलन आदि होती रहती है।
दीपावली की रात घायल हुए
वर्ष घायल
2010 56
2011 79
2012 63
2013 87
2014 96
2015 104
2016 50
2017 49