इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 6 लोग गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज से यात्रियों को भेजते थे विदेश

पुलिस ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से 62 पासपोर्ट और 28 फर्जी स्टाम्स बरामद किया गया है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 07 Apr 2019 05:04 PM (IST) Updated:Mon, 08 Apr 2019 01:50 PM (IST)
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे  से  6 लोग गिरफ्तार,  फर्जी दस्तावेज से यात्रियों को भेजते थे विदेश
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 6 लोग गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज से यात्रियों को भेजते थे विदेश

नई दिल्ली, जेएनएन। आइजीआइ एयरपोर्ट थाना पुलिस ने लोगों को फर्जी तरीके से विदेश भेजने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार एजेंट सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से विभिन्न पासपोर्ट कार्यालय के बने 62 पासपोर्ट और अलग-अलग तरह के 28 फर्जी स्टांप बरामद हुए हैं। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

आरोपितों की पहचान जितेंद्र सिंह, सचिन कुमार, सौरव, मुकेश गोयल व रवींद्र कुमार और सुनीता कुमारी के रूप में हुई है। रवींद्र कुमार और सुनीता कुमारी यात्री जबकि अन्य एजेंट हैं। सभी करनाल, मोहाली और कुरुक्षेत्र इलाके के रहने वाले हैं। जितेंद्र का कुरुक्षेत्र में हर्बल प्रोडक्ट का कारोबार है जबकि सचिन मोहाली के एक इमीग्रेशन सर्विस में फिलिंग एजेंट है।

सौरव कुरुक्षेत्र में इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आइइएलटीएस) इंस्टीट्यूट का कोच है। मुकेश गोयल की रबर स्टांप की दुकान है। जबकि रवींद्र कुमार की करनाल में कीटनाशक की दुकान है। वहीं उसकी पत्नी सुनीता घरेलू महिला है।

विदेश भेजने के नाम पर वसूलते थे लाखों
आरोपित फर्जी इमीग्रेशन स्टांप व अन्य दस्तावेज के माध्यम से लोगों को विदेश भेजते थे। इसके लिए लोगों से लाखों रुपये वसूले जाते थे। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के साथ ही यह जांच कर रही है कि गिरोह फर्जी तरीके से अब तक कितने लोगों को विदेश भेज चुका है।

आइजीआइ एयरपोर्ट के पुलिस उपायुक्त संजय भाटिया ने बताया कि एयरपोर्ट पर एक मार्च को एक दंपती द्वारा फर्जी दस्तावेज पर विदेश जाने के प्रयास का मामला सामने आया था। रवींद्र और सुनीता कनाडा जाने की जुगत में एयरपोर्ट पर पकड़े गए थे। उनके पासपोर्ट पर फर्जी इमीग्रेशन स्टांप लगी हुई थी। लेकिन इमीग्रेशन के पास इन यात्रियों के संबंध में कोई डाटा नहीं था। लिहाजा दोनों को दबोच लिया गया।

एसीपी रमेश चंद और आइजीआइ थाना एसएचओ कृष्ण कुमार की टीम ने मामले की छानबीन शुरू की। पता चला कि विदेश में बसने के इरादे से दंपती ने सचिन नामक एजेंट से संपर्क किया था। वह उन्हें वीजा के लिए चंडीगढ़ ले गया था। वहीं, उनके दस्तावेज पर फर्जी इमीग्रेशन स्टांप लगाई गई थी ताकि यह लगे कि दोनों लगातार हवाई यात्र करते हैं। इसके बाद पुलिस ने 27 मार्च को गिरोह के सदस्य व एजेंट सचिन को भी गिरफ्तार कर लिया।

आरोपित ने बताया कि सौरव नाम के एजेंट ने दंपती के पासपोर्ट पर फर्जी इमीग्रेशन स्टांप लगाया था। वह कुरुक्षेत्र में एक इंस्टीट्यूट चलाता है। जिसके बाद 29 मार्च को सौरव को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 62 पासपोर्ट और 6 फर्जी इमीग्रेशन स्टांप सहत विभिन्न बैकों सहित नोटरी की 28 स्टांप बरामद हुईं।

पुलिस पूछताछ में सौरव ने बताया कि कुरुक्षेत्र निवासी मुकेश गोयल ने उन्हें फर्जी स्टांप उपलब्ध करवाए थे। इसके बाद मुकेश गोयल और उसकी निशानदेही पर गिरोह के सरगना जितेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।

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