सीवर लाइन से जुड़ेंगे 10 गावों और 64 अनधिकृत कालोनियों के सभी घर, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दी स्वीकृति
Delhi News दिल्ली सरकार नव निर्मित झीलों के पास भूजल स्तर के प्रवाह को जानने के लिए अध्ययन कराएगी। अलीपुर से संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर तक पानी की पुरानी पाइप लाइन बदलकर नई पाइप बिछाई जाएगी। साथ ही सीवर लाइनों का विस्तार किया जा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली में बेहतर सीवरेज प्रबंधन और यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए जल बोर्ड अनधिकृत कालोनियों व गांवों को भी सीवर नेटवर्क से जोड़ रहा है। इसी क्रम में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को जलबोर्ड को 10 गावों व 64 अनधिकृत कालोनियों के सभी घरों में मुफ्त सीवर लाइन का कनेक्शन देने की स्वीकृति दी है। इसके अलावा दिल्ली सरकार नवनिर्मित झीलों के आसपास भूजल का प्रवाह जानने के लिए अध्ययन भी कराएगी।
''सीवर लाइनों का विस्तार व हर घर कनेक्शन देना जरूरी''
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बेहतर सीवरेज प्रबंधन और 24 घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए की दिशा में चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। इसके अलावा बेहतर साफ-सफाई, यमुना को स्वच्छ और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए सीवर लाइनों का विस्तार व हर घर कनेक्शन देना जरूरी है। इसलिए संत नगर, सिंघू, शाहबाद, प्रधान एन्क्लेव और कुरेनी के आसपास की 64 कालोनियों व 10 गांवों के घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा।
वर्तमान में इन इलाकों में सीवर लाइन के मैनहोल से लोगों के घरों तक सीवर लाइन बिछाने का कार्य काम चल रहा है। जल बोर्ड ने फैसला किया है कि जिन कालोनियों को सीवर कनेक्शन लेने के लिए अधिसूचित नहीं किया गया है और कालोनियों को जल बोर्ड के मेनटेनेंस डिविजन को नहीं सौंपा गया है, वहां निर्माण कार्य करने की जिम्मेदारी संभालने वाले जल बोर्ड का विभाग ही उपभोक्ताओं के घरों तक घरेलू सीवर कनेक्शन लाइन के विस्तार का काम पूरा करेगा। ताकि उपभोक्ता को खुद सीवर लाइन जोड़ने और सड़क काटने के लिए संबंधित एजेंसियों से स्वीकृति लेने की जरूरत न पड़े।
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करावल नगर व मुस्तफाबाद के क्षेत्र की कालोनियों में जल बोर्ड ने पहले ही सीवर लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया है। इन इलाकों की कालानियों के घरों को सीवर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
रोहिणी झील की क्षमता बढ़ेगी
दिल्ली को ‘झीलों का शहर’ बनाने के लिए जल बोर्ड ने कई कृत्रिम झीलें तैयार की हैं। इनमें पप्पनकलां, द्वारका झील, नजफगढ़, निलोठी, रोहिणी सेक्टर-25, तिमारपुर, इरादत नगर, रोशनारा झील, ओखला एसटीपी से जुड़ी झील इत्यादि शामिल हैं। इन झीलों के जरिए भूजल रिचार्ज किया जाएगा।
नव निर्मित झीलों में भूजल के प्रभाव को जानने के लिए एक अध्ययन भी दिल्ली सरकार कराएगी। ताकि भूजल का इस्तेमाल पेयजल आपूर्ति के लिए हो सके। रोहिणी सेक्टर-25 में झील नंबर झील 10 एकड़ में फैली है, इसकी जलधारण क्षमता 7.5 मिलियन गैलन है और इसकी गहराई जमीनी स्तर से डेढ़ मीटर है।
दिल्ली सरकार ने निर्देश पर इसे छह मीटर गहरा बनाया जा रहा है। इससे झील की जलधारण क्षमता 15 मिलियन गैलन हो जाएगी। इस झील में रोहिणी सीवरेज शोधन संयंत्र (एसटपी) से पानी आपूर्ति होगी। इसके लिए रोहिणी एसटीपी में 20 एमजीडी क्षमता का आरओ प्लांट लगेगा। इसके अलावा रोहिणी एसटीपी के चारों ओर ट्यूब वेल लगाकर भूजल से झील में पानी आपूर्ति की जाएगी।
यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बढ़ेगी एसटीपी की क्षमता
केशोपुर फेज-एक एसटीपी की क्षमता 12 एमजीडी से बढ़ाकर 18 एमजीडी की जाएगी। इससे अधिक सीवरेज का शोधन सुनिश्चित हो सकेगा। इससे शोधित सीवेज के पानी की गुणवत्ता बेहतर होगी। इससे यमुना को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2025 तक यमुना की सफाई पूरी करने का लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में अनधिकृत कालोनियों, गावों को सीवर लाइन से जोड़ने पर दिल्ली सरकार जोर दे रही है।
पेयजल की रुकेगी बर्बादी
जल बोर्ड ने अलीपुर गेस्ट हाउस से संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर स्थित भूमिगत जलाशय तक पानी के पुराने मुख्य पाइप लाइन को बदलकर नई पाइप लाइन बिछाई नी योजना को मंजूरी दी है। इससे पानी की बर्बादी रुकेगी और अधिकतम और पल्ला से भूजल का ज्यादा से ज्यादा पानी की आपूर्ति की जा सकेगी।