Delhi Air Pollution: स्मॉग टावर लगाने का काम 10 महीने में पूरा करें : सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में किसी भी देरी को अदालत की अवमानना माना जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 07:17 AM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 07:17 AM (IST)
Delhi Air Pollution: स्मॉग टावर लगाने का काम 10 महीने में पूरा करें : सुप्रीम कोर्ट
Delhi Air Pollution: स्मॉग टावर लगाने का काम 10 महीने में पूरा करें : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में स्मॉग टावर लगाने के मामले में स्पष्ट निर्देश देते हुए इसका काम 10 महीने में पूरा करने को कहा है। ऐसा नहीं होने पर इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की पीठ ने गुरुवार को यह निर्देश दिया। इस हफ्ते मामले की सुनवाई के दौरान पर्यावरण मंत्रालय के सचिव और दिल्ली के पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव ने अदालत को बताया था कि स्मॉग टावर लगाने का काम 10 महीने में पूरा हो जाएगा। इसके लिए जरूरी पैसा टाटा कंसल्टेंसी को दिया जा चुका है। पीठ ने कहा कि इस मामले में पहले ही अकारण बहुत देर की जा चुकी है। इस देरी को न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है। संबंधित पक्षों ने अब इस संबंध में हलफनामा दिया है। अब इस मामले में किसी भी देरी को अदालत की अवमानना माना जाएगा।

यह भी जानें

30 जुलाई को केंद्र ने सुप्रीम को सूचित किया था कि स्मॉग टॉवर की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) तैयार किया गया है।

शीर्ष अदालत ने पहले केंद्र से सवाल किया था कि 13 जनवरी के आदेश के अनुसार, क्यों न परियोजना को तीन महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया जाए? अदालत ने पहले स्मॉग टावर परियोजना में आइआइटी, बांबे का सहयोग लेने पर आश्चर्य प्रकट किया था और कहा था कि उसे इस तरह के संस्थान के इसमें शामिल होने की उम्मीद नहीं थी। इसने कहा था कि वह स्मॉग टावर परियोजना की स्थिति से खुश नहीं है और आदेश का पालन नहीं होने को वह गंभीरता से लेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 13 जनवरी को आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाने का आदेश देते हुए तीन माह में परियोजना पूरा करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण वाली जगहों, सड़क निर्माण स्थलों, खनन गतिविधियों, बड़ी भीड़ इकट्ठा होने वाली जगहों आदि पर एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल करने को भी कहा था।

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