ब्लू व्हेल जैसे जानलेवा गेम्स पर नजर रखेगा विशेष सेल

शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को ब्लू व्हेल चैलेंज जैसे वर्चुअल गेम्स के दुष्प्रभावों से स्कूली बच्चों को बचाने के लिए उन्हें जागरूक करने का निर्देश दिया है।

By Amit MishraEdited By: Publish:Mon, 20 Nov 2017 09:27 PM (IST) Updated:Tue, 21 Nov 2017 09:17 AM (IST)
ब्लू व्हेल जैसे जानलेवा गेम्स पर नजर रखेगा विशेष सेल
ब्लू व्हेल जैसे जानलेवा गेम्स पर नजर रखेगा विशेष सेल

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने ब्लू व्हेल जैसे जानलेवा ऑनलाइन गेम्स पर निगरानी रखने के लिए विशेष सेल का गठन किया है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इसका मुख्य काम ऐसे गेम्स पर नजर रखना और संबंधित साइट को ब्लॉक करना है।

शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को ब्लू व्हेल चैलेंज जैसे वर्चुअल गेम्स के दुष्प्रभावों से स्कूली बच्चों को बचाने के लिए उन्हें जागरूक करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी राज्यों को छात्रों को ऐसे खतरनाक ऑनलाइन गेम्स से होने वाले खतरों के प्रति आगाह करने के लिए कहा है।

जरूरी कदम उठाने का निर्देश

कोर्ट ने राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया है कि वे संबंधित विभाग के सचिवों को इस दिशा में कदम उठाने का आदेश दें। शीर्ष अदालत ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ब्लू व्हेल जैसे गेम्स से होने वाले नुकसान और उसके खतरों के बारे में देश भर के स्कूलों को सर्कुलर जारी कर जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ब्लू व्हेल चैलेंज के दौरान हुई कई छात्रों की मौत की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा पेश अंतरिम जांच रिपोर्ट पर भी विचार किया।

निगरानी सेल गठित करने का फैसला 

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिम्हा ने जांच में अब तक हुई प्रगति के बारे में पीठ को जानकारी दी। वेणुगोपाल ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही समिति की उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें वरिष्ठ वैज्ञानिकों और पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। इसमें निगरानी सेल गठित करने का फैसला लिया गया।

पीठ ने अधिवक्ता स्नेहा कलिता ने याचिका दायर कर ब्लू व्हेल सरीखे वर्चुअल गेम्स की निगरानी और नियमन के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने की मांग की थी। पीठ ने कहा, 'जिंदगी की खूबसूरती मौत की सुंदरता से मिलने में नहीं बल्कि उसे दूर रखने में है। अभिभावकों द्वारा विशेष ध्यान देने, चिंता करने, प्यार और बच्चों में आशावाद का भाव विकसित करने से उन्हें ऐसे गेम्स से दूर रखा जा सकता है।'

शीर्ष अदालत ने 27 अक्टूबर को दूरदर्शन को वर्चुअल गेम्स से होने वाले नुकसान को दर्शाने वाला एक 10 मिनट का कार्यक्रम तैयार करने को कहा था। कोर्ट ने दूरदर्शन के साथ सभी निजी चैनलों के प्राइम टाइम पर इसे प्रसारित करने को कहा था।

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