ग्रेनो में देख सकेंगे सिनौली की खोदाई में मिली धरोहर, तैयार है एएसआइ की इमारत

एएसआइ ने बागपत के सिनौली में गत वर्ष खोदाई कराई थी, जिसमें एएसआइ ने करीब चार हजार साल पुरानी सभ्यता के अवशेष मिलने का दावा किया है।

By Edited By: Publish:Sun, 09 Dec 2018 08:05 PM (IST) Updated:Sun, 09 Dec 2018 08:17 PM (IST)
ग्रेनो में देख सकेंगे सिनौली की खोदाई में मिली धरोहर, तैयार है एएसआइ की इमारत
ग्रेनो में देख सकेंगे सिनौली की खोदाई में मिली धरोहर, तैयार है एएसआइ की इमारत

नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बागपत के सिनौली में खोदाई में मिली धरोहर आम जनता ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में बनने वाले संग्रहालय में देख सकेगी। संग्रहालय नॉलेज पार्क-दो स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) पंडित दीन दयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट ऑफ आर्कियोलॉजी की इमारत में होगा। एएसआइ का इंस्टीट्यूट लंबे समय से लालकिला में चल रहा है। पिछले कई साल से इसे स्थानांतरित करने की कवायद चल रही थी।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री बनने पर डॉ. महेश शर्मा ने इसे स्थानांतरित कराने की योजना साकार की है। इंस्टीट्यूट के लिए ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-दो में एएसआइ की इमारत बनकर लगभग तैयार है। इसके साथ ही कुछ अन्य कार्यालय भी स्थानांतरित होंगे। सिलौनी की खोदाई में मिली धरोहर को जनता को दिखाने के लिए पहले लालकिला में संग्रहालय में रखने की योजना थी, लेकिन अब यह ग्रेटर नोएडा की एएसआइ की इमारत में जाएगी। दरअसल, खोदाई इंस्टीट्यूट की ओर से कराई गई है, ऐसे में एएसआइ की योजना है कि इसे इंस्टीट्यूट के साथ ही प्रदर्शित किया जाए। फिलहाल धरोहर को सिलौनी से लाकर लालकिला में रखा गया है।

सिनौली की खोदाई में क्या मिला

एएसआइ ने बागपत के सिनौली में गत वर्ष खोदाई कराई थी, जिसमें एएसआइ ने करीब चार हजार साल पुरानी सभ्यता के अवशेष मिलने का दावा किया है। जो साक्ष्य मिले हैं, उनके अधिकतर भाग मिट्टी हो चुके हैं, इसलिए इन्हें बहुत ही सावधानी से बाक्स बना कर लालकिला लाया गया है। खोदाई में मिले तीन रथ व दो ताबूत और एक नरकंकाल को उसी अवस्था में यहां लाया गया है। इसके अलावा अन्य तमाम चीजें भी मिली हैं। एएसआइ का ध्यान मिले हुए साक्ष्यों की जांच कराने पर भी है, ताकि सही जानकारी मिल सके कि ये कितने पुराने हैं। फिलहाल इन्हें महाभारत काल से जोड़ कर देखा जा रहा है।

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