शीला दीक्षित और विजेंद्र गुप्ता ने सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सुलझाया

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उन्होंने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता के साथ अपने उस विवाद को सुलझा लिया था।

By Edited By: Publish:Tue, 21 May 2019 08:58 PM (IST) Updated:Tue, 21 May 2019 09:12 PM (IST)
शीला दीक्षित और विजेंद्र गुप्ता ने सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सुलझाया
शीला दीक्षित और विजेंद्र गुप्ता ने सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सुलझाया

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उन्होंने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता के साथ विवाद को सुलझा लिया था। विजेंद्र गुप्ता ने उन पर वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों में सरकारी धन के कथित दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था।

न्यायमूर्ति सुनील गौर की पीठ ने शीला दीक्षित द्वारा पेश की गई दलील के आधार पर याचिका निपटारा कर दिया। शीला दीक्षित ने गुप्ता की शिकायत पर निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ एफआइआर रद करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

31 अगस्त 2013 को निचली अदालत का आदेश विजेंद्र गुप्ता की उस शिकायत पर आया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि शीला दीक्षित ने 2008 के विधानसभा चुनावों से पहले एक विज्ञापन अभियान पर 22.56 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया था। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ शीला दीक्षित ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जोकि सितंबर 2013 से लंबित है।

हाई कोर्ट ने एफआइआर दर्ज करने के निचली अदालत के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। आरोप था कि दीक्षित ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी व अपनी बड़ी तस्वीरों वाले होर्डिग दिल्ली मेट्रो, बस शेल्टर पर लगाने के लिए सरकारी मशीनरी व धन का दुरुपयोग किया था।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा था कि उन्होंने इस संबंध में 22 मई 2013 को दिल्ली के लोकायुक्त से शिकायत की थी और उन्होंने भी शीला दीक्षित को इसके लिए दोषी ठहराया था। लोकायुक्त ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास मामले को भेजते हुए दीक्षित को सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के लिए सावधानी बरतने और उक्त धनराशि को उनके द्वारा या फिर पार्टी के माध्यम से वापस देने का निर्देश देने की सिफारिश की थी।

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