दिल्ली में दत्तात्रेय होसबाले बोले- हर देशवासी का राष्ट्रीय मंत्र होना चाहिए आत्मनिर्भरता

Delhi News राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने ‘स्वावलंबन का शंखनाद’ विषय पर स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित गोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने सरकार के प्रयासों को सराहा लेकिन अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई पर चिंता जताई।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 02 Oct 2022 02:41 PM (IST) Updated:Sun, 02 Oct 2022 02:41 PM (IST)
दिल्ली में दत्तात्रेय होसबाले बोले- हर देशवासी का राष्ट्रीय मंत्र होना चाहिए आत्मनिर्भरता
दिल्ली में दत्तात्रेय होसबाले बोले- हर देशवासी का राष्ट्रीय मंत्र होना चाहिए आत्मनिर्भरता

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का अभियान ‘आत्मनिर्भर भारत’ सभी देशवासियों का राष्ट्रीय मंत्र होना चाहिए। यह हर देशवासी के दिल में होना चाहिए, तभी हम देश को फिर से उस स्थिति में लेकर जा पाएंगे, जहां वह गुलामी से पूर्व था।

सरकार के प्रयासों को सराहा

स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित स्वावलंबी भारत अभियान के तहत ‘स्वावलंबन का शंखनाद’ विषय पर आयोजित गोष्ठी को आनलाइन संबोधित करते हुए उन्होंने गरीबी और बेरोजगारी कम करने के मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कुछ वर्षों में स्थिति में बदलाव आया है और गरीबी और बेरोजगारी के आंकड़े घटने के साथ देश ने विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में स्थान बनाया है।

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अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई पर जताई चिंता

हालांकि, होसबाले ने लगे हाथ अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश के मात्र एक प्रतिशत लोगों के पास खूब पैसा है, जबकि करोड़ों लोग ऐसे हैं, जिनकी प्रतिदिन की आय 400 रुपये से भी कम है। इसके लिए उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों की आर्थिक नीतियों पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि इन सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

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सुधार के लिए माहौल तैयार नहीं किया और नीतियां नहीं बनाईं, जिसके चलते यह समस्या मुंह बाए खड़ी है। शहरों को ही सुविधा केंद्रित रखा गया। शिक्षा भी उस तरह नहीं थी। इस कारण गांवों से युवा शक्ति का पलायन हुआ तो शहरों का अनियोजित विकास हुआ। अब शिक्षा नीति में बदलाव आया है तो स्थिति निश्चित ही सुधरती दिखेगी।

उन्होंने संघ द्वारा चलाए जा रहे स्वावलंब भारत अभियान को गांव व छोटे शहरों तक ले जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे हर किसी को जोड़ना होगा। साथ ही इसे लेकर स्थानीय स्तर पर और अध्ययन की जरूरत है।

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