LockDown के चलते दिल्ली एयरपोर्ट पर फंसा जर्मन नागरिक 55 दिन बाद रवाना

एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक जर्मन नागरिक एजगार्ड यहां पर किताबें और पत्र-पत्रिकाएं पढ़कर अपना समय बितात था।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 11 May 2020 08:03 PM (IST) Updated:Tue, 12 May 2020 10:43 AM (IST)
LockDown के चलते दिल्ली एयरपोर्ट पर फंसा जर्मन नागरिक 55 दिन बाद रवाना
LockDown के चलते दिल्ली एयरपोर्ट पर फंसा जर्मन नागरिक 55 दिन बाद रवाना

नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। लॉकडाउन के चलते  पालम स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Indira Gandhi International Airport) पर फंसा एक जर्मन नागरिक 55 दिन बाद जर्मनी अपने देश रवाना हुआ। विदेश भेजे जाने से पहले जर्मन नागरिक का एजगार्ड का कोराना का टेस्ट किया गया था, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जिसके बाद उसे केएलएम फ्लाइट से एम्स्टर्डम के लिए मंगलवार सुबह रवाना किया गया। दरअसल, दिल्ली एयर पोर्ट पर यह जर्मन नागरिक पिछले 55 दिनों से अधिक समय से फंसा हुआ था, इसमें सनसनीखेज खुलासा यह हुआ है कि यह शातिर शख्स जर्मनी का नागरिक तो है, लेकिन साथ ही अपराधी भी है। इसका नाम एजगार्ड जियाबात है। इस पर जर्मनी में कई मामले दर्ज हैं और विभिन्न अदालतों में केस भी चल रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जर्मनी में आपराधिक रिकॉर्ड होने के कारण वह अपने देश नहीं जाना चाहता था।

दिल्ली एयरपोर्ट बना अपराधी का आशियाना

एयरपोर्ट अधिकारियों की मानें तो जर्मनी का यह शख्स अपराधी था, इसलिए इसे वीजा नहीं दिया जा रहा था।  लॉकडाउन की वजह से वह तकरीबन दो महीने से दिल्ली एयरपोर्ट पर ही रह रहा था और खाने के साथ यहीं पर सो भी रहा था। इसी के साथ यह शख्स यहां के टॉयलेट का भी इस्तेमाल कर रहा था।

मार्च में फंसा था बीच मझधार में

बताया जा रहा है कि एजगार्ड वियतनाम की राजधानी हनोई से इस्तांबुल जाने के लिए विमान में बैठा था। इस बीच विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर रुका फिर इसके बाद कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते भारत ने तुर्की समेत कई देशों के लिए उड़ानें पर रोक लगा दी। लॉकडाउन के चलते देशी-विदेशी उड़ानों के बंद होने से एजगार्ड दिल्ली एयरपोर्ट पर फंस गया। वहीं, आपराधिक रिकॉर्ड होने एजगार्ड को भारत ने वीजा देने से मना कर दिया था। 

ऐसे बिताता था समय

एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, एजगार्ड यहां पर किताबें और पत्र-पत्रिकाएं पढ़कर अपना समय बितात था। इस दौरान जब मन करता था तो मोबाइल फोन से अपने जानने वालों से बातचीत कर लेते थे। दरअसल, एयरपोर्ट पर कुछ खाने-पीने की दुकानें खुली हैं ऐसे में वह यही से कुछ खाकर अपना गुजारा कर रहा था। 

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