पढ़िए- देश के इस Covid-19 अस्पताल में बारे में, जहां मरीज संग डॉक्टर करते हैं डांस

Coronavirus Hospitals in Delhi इस अस्पताल में प्रतिदिन आधे घंटे का समय मनोरंजन के लिए रखा गया है। इसमें कोरोना पीड़ित मरीज भी अपने कमरों से बाहर निकलकर आ जाते हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 13 May 2020 10:08 AM (IST) Updated:Wed, 13 May 2020 10:31 AM (IST)
पढ़िए- देश के इस Covid-19 अस्पताल में बारे में, जहां मरीज संग डॉक्टर करते हैं डांस
पढ़िए- देश के इस Covid-19 अस्पताल में बारे में, जहां मरीज संग डॉक्टर करते हैं डांस

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। Coronavirus Hospitals in Delhi: कोरोना वायरस संक्रमण का खौफ लोगों के मन में इस कदर घर गया है, लोग मानसिक रूप से परेशान होने लगे हैं। ऐसे में अगर कोई इस वायरस की चपेट में है तो उसके हालत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। वहीं, पूर्वी दिल्ली के  यमुनापार में एकमात्र कोविड अस्पताल में राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में मरीजों का सिर्फ इलाज नहीं किया जा रहा है, बल्कि उनके तनाव को भी दूर करने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। यहां तक कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के मन से डर और तनाव दूर करने के लिए म्यूजिक की धुन पर हेल्थ वर्कर्स डांस भी करते हैं। 

कोरोना के खौफ का डर खत्म करने की कोशिश

लोगों के मानसिक दिक्कत और अवसाद नहीं हो इसके तहत उन्हें प्रतिदिन कुछ देर के लिए कोरोना की दुनिया से बाहर निकाल लिया जाता है। इस दौरान डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट पहनकर डांस करते हैं और गाने भी गाते हैं। इस दौरान मरीज भी इसमें शामिल होते हैं। हालांकि इस दौरान शारीरिक दूरी सहित अन्य नियमों का भी पूरी तरह से पालन किया जाता है।

मरीजों के साथ करते स्वास्थ्यकर्मी करते हैं डांस

इस अस्पताल में करीब डेढ़ सौ काेरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। इन मरीजों के साथ डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ बेहद नरमी से पेश आते हैं। उन्हें बीमारी से जीतने का भरोसा देते रहते हैं। इसके साथ प्रतिदिन आधे घंटे का समय मनोरंजन के लिए रखा गया है। इसमें कोरोना पीड़ित मरीज भी अपने कमरों से बाहर निकलकर आ जाते हैं। इनके साथ डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अंताक्षरी के साथ डांस भी करते हैं। स्वास्थ्यकर्मी फिल्मी गानों के साथ देशभक्ति के गीतों पर भी थिरकते हैं।

योग सेशन के जरिये दूर करते हैं तनाव

इस दौरान मरीज भी इनके साथ घुलमिल जाते हैं और वह भी दूर से इसमें पूरी तरह से शरीक हो जाते हैं। यहां के डॉक्टर बताते हैं कि बीमारी अलग है तो इलाज का तरीका भी बदलना पड़ेगा। इस बीमारी में अधिकतर मरीज तनाव में आ जाते हैं। यह कोशिश उनके तनाव को कम करने की है। आधे घंटे का समय इसके लिए निश्चित है लेकिन कभी-कभी यह एक घंटे तक भी चल जाता है। इस दौरान मरीज अपनी बात भी खुलकर रखते हैं। इसके साथ अब इन मरीजों के लिए योग का सेशन भी शुरू करने की तैयारी चल रही है। सभी मरीजों को योग की क्रियाएं बताई जाएंगी तो उन्हें स्वस्थ करने में कारगर साबित होंगी।

योग प्रशिक्षकों की होगी नियुक्ति

डॉ. छवि गुप्ता (मीडिया प्रवक्ता) का कहना है कि मरीजों के इलाज के साथ उनके अकेलेपन काे दूर करने के लिए मनाेरंजन का सत्र प्रतिदिन चलता है। जल्द ही मरीजों के लिए योग प्रशिक्षक भी उपलब्ध कराए जाएंगे। कोशिश है कि ये मरीज इलाज के दौरान किसी तरह के तनाव में न रहें। 

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