Delhi Kirari Fire: पहले भाई का साथ छूटा, अब माता-पिता व भाभी का; आग ने सब कुछ छीन लिया

अमरनाथ बड़े भाई बैद्यनाथ की बरसी के लिए रविवार शाम पांच बजे हरिद्वार के लिए निकले थे। वह हरिद्वार पहुंचने ही वाले थे तभी घटना की सारी जानकारी मिली।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 25 Dec 2019 12:43 PM (IST) Updated:Wed, 25 Dec 2019 12:43 PM (IST)
Delhi Kirari Fire: पहले भाई का साथ छूटा, अब माता-पिता व भाभी का; आग ने सब कुछ छीन लिया
Delhi Kirari Fire: पहले भाई का साथ छूटा, अब माता-पिता व भाभी का; आग ने सब कुछ छीन लिया

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। किराड़ी स्थित इंदर एंक्लेव फेज-एक के दो मंजिला इमारत में रविवार देर रात लगी भीषण आग में मां, बाप और भाभी को खो चुके अमरनाथ मंगलवार को मोर्चरी के बाहर अपनों के खोने का गम सहन नहीं कर पा रहे थे। संजय गांधी अस्पताल में मां सुधिया देवी, पिता रामचंद्र झा के शवों की शिनाख्त करने के लिए गार्ड ने अमरनाथ को मोर्चरी के अंदर बुलाया तो वह फूट-फूटकर रोने लगे।

एक वर्ष पहले ही अमरनाथ के भाई बैद्यनाथ की मौत हो गई थी। प्रेम नगर थाना पुलिस ने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद स्वजनों को सौंप दिया। इसके पूर्व हादसे के शिकार सात लोगों के शवों का पोस्टमार्टम हो चुका था।

बेटे की बरसी के लिए आए थे माता-पिता

बैद्यनाथ की मौत को एक वर्ष पूरा होने वाला था। इस वजह से बैद्यनाथ की पत्नी संजू (36) ने मां बालमुखी (68) को गांव से यहां बुला लिया था। इसके साथ ही अमरनाथ की मां सुधिया देवी, पिता रामचंद्र झा भी 15 दिन पहले आ गए थे।

पत्नी ने पहले किया था फोन

अमरनाथ बड़े भाई बैद्यनाथ की बरसी के लिए रविवार शाम पांच बजे हरिद्वार के लिए निकले थे। वह हरिद्वार पहुंचने ही वाले थे कि रात 12 बजे पत्नी पूजा ने फोन किया, लेकिन उन्हें साफ आवाज नहीं सुनाई दी, फिर पड़ोसियों से फोन से घर में आग लगने की सूचना मिली।

विजयकांत ने दर्ज कराई शिकायत

इंदर एंक्लेव में हादसे के शिकार किरायेदार उदयकांत चौधरी के भाई विजयकांत ने मंगलवार को प्रेम नगर थाने में शिकायत दी है। इसमें उन्होंने भाई, उनकी पत्नी व तीन बच्चों की हत्या की साजिश का आरोप लगाया और कहा है कि आग जानबूझकर लगाई गई। पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज नहीं किया, लेकिन जांच शुरू कर दी है।

हादसे में उदयकांत की पत्नी मुस्कान, बेटा आदर्श, बेटी अंजलि व दुधमुंही बेटी तुलसी की दम घुटने से मौत हो गई थी। ऐसे में विजयकांत ने शिकायत में कहा है कि उनके भाई उदयकांत ने अमरनाथ झा के परिवार को मकान में रहने के लिए करीब ढ़ाई लाख रुपये दिए थे। शर्त यह थी कि जब तक उदयकांत का परिवार मकान में रहेगा, तब तक उनसे किराया नहीं लिया जाएगा और मकान छोड़ने पर उक्त रकम को लौटाना होगा। विजयकांत के अनुसार, उदयकांत मकान को छोड़ना चाहते थे और इसलिए अमरनाथ को रुपये लौटाने थे, लेकिन उन्होंने रुपये नहीं लौटाए।

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