Ramadan 2023: दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजा खोलने उमड़े रोजेदार, बाजारों में सजावट; गलियों में दिखी रौनक

उत्साह उमंग और आध्यात्मिकता का माहौल। दिनभर भूख और प्यास से तपे चेहरों पर मुश्किलों की जगह हर ओर मुस्कान थी। शुक्रवार को जब इस माह-ए-रमाज का पहला रोजा खोलने की बारी आई तो यह तस्वीर पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद में मौजू थी।

By Nimish HemantEdited By: Publish:Fri, 24 Mar 2023 09:17 PM (IST) Updated:Fri, 24 Mar 2023 09:17 PM (IST)
Ramadan 2023: दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजा खोलने उमड़े रोजेदार, बाजारों में सजावट; गलियों में दिखी रौनक
दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजा खोलने उमड़े रोजेदार।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्साह, उमंग और आध्यात्मिकता का माहौल। दिनभर भूख और प्यास से तपे चेहरों पर मुश्किलों की जगह हर ओर मुस्कान थी। शुक्रवार को जब इस माह-ए-रमाज का पहला रोजा खोलने की बारी आई तो यह तस्वीर पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद में मौजू थी। लोग परिवार, दोस्तों के साथ पहुंचे थे। कोई अकेला था तो वह हजारों लोग के इस जुटान में शामिल हो गया।

कोई फल, पकौड़ी, समोसे, खजूर और शर्बत लेकर पहुंचा था, जिनके पास नहीं था, उनके लिए दस्तरखान सजा था। जैसे ही इलेक्ट्रिक बम से धमाके की आवाज आई, उसके साथ ही रोजेदार आनंदपूर्वक रोजा इफ्तार में बैठ गए। इसके पहले दोपहर बाद से लोगों का जामा मस्जिद में जुटना शुरू हो गया था।

खासकर नए परिधानों में बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। वे इधर-उधर भाग रहे थे। इस माह-ए-रमजान में जामा मस्जिद की चमक और रौनक देखते ही बनती है। इस बार भी पुरानी दिल्ली व दिल्ली के दूसरे भागों के साथ ही विभिन्न राज्यों से लोग पहुंचे। रोजा इफ्तार के ठीक बाद नमाज शुरू हो गई।

इसके साथ ही तरावीह की नमाज का सिलसिला भी शुरू हो गया है, जो ईद का चांद देखने तक चलता रहेगा। रमजान माह को लेकर जामा मस्जिद, फतेहपुरी मस्जिद, सुनेहरी मस्जिद समेत पुरानी दिल्ली के मस्जिदों में रोशनी से विशेष सजावट है, जिसे देखकर विदेशी मेहमान भी चकित हैं और उसे अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं।

आस्थापूर्वक लोगों ने रखा है रोजा

भोर में सहरी के साथ पवित्र माह-ए-रमजान का महीना शुरू हो गया। लोगों ने आस्थापूर्वक पहला रोजा रखा, जो शाम को इफ्तारी के साथ खुला। इस माह को लेकर मुस्लिम समाज में उत्साह देखते ही बन रहा है। जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों के साथ ही मटिया महल, बल्लीमारान, चावड़ी बाजार, तुर्कमान गेट, अजमेरी गेट सीताराम बाजार, दरियागंज समेत अन्य इलाकों में विशेष रूप से सजावट है। साथ ही बाजारों की रौनक देखते ही बन रही है।

खास है सहरी और इफ्तारी का जायका

रमजान के महीने में जहां लोग दिनभर रोजा (व्रत) रखते हैं। वहीं, शाम को इफ्तारी में कई प्रकार के व्यंजन और पेय पदार्थ रहते हैं। तुर्कमान गेट निवासी वसीम ने बताया कि इफ्तारी में कीमे का समोसा, पकौड़ी व गोली विशेष रूप से बनाई जाती है। इसी तरह फल, लस्सी, शर्बत समेत अन्य खाद्य व पेय पदार्थ रहते हैं। मठरी, नमकीन तो रहता है ही है। वैसे, रोजा तो खजूर से ही खोला जाता है।

इसके लिए घर की महिलाएं दोपहर बाद से ही तैयारियों में जुट जाती है। इफ्तारी के बाद खाने-पीने का सिलसिला देर रात तक चलता है। दावतें होती हैं। इसी तरह सहरी में शीरमाल, फैनी, खजला, मीठी ब्रेड समेत अन्य खाद्य पदार्थों को विशेष रूप से लिया जाता है। इसकी दुकानें जगह-जगह सज गई है।

जामा मस्जिद से छूटा इलेक्ट्रिक बम

जामा मस्जिद से हर दिन इफ्तारी की सूचना देने के लिए इलेक्ट्रिक बम छूटेगा। असल में राष्ट्रीय राजधानी में पटाखा जलाने पर पाबंदी है। इसलिए ये बम छोड़ा जाता है। इस संबंध में जामा मस्जिद के नायब इमाम शाबान बुखारी ने बताया कि तीन-चार सालों से यह सिलसिला चल रहा है। इसके लिए रमजान से पहले ऑर्डर दे दिए जाते हैं।

रमजान में महंगाई का असर

रमजान आते ही फलों के दाम बढ़ गए हैं। केले के दाम जहां 100 रुपये दर्जन तक पहुंच गए हैं वहीं, सेब भी 150 रुपये किलो तक पहुंच गया है। कुछ दिन पहले ही यह 100 से 120 रुपये में मिल जा रहा था। इसी तरह अनार 140 से 150 रुपये तक पहुंच गया है। अंगूर जो 60 रुपये प्रति किलो तक मिल रहा था। अब वह 80 से 100 रुपये में मिल रहा है। पपीता के दाम भी 40-50 रुपये से 60 से 70 रुपये पहुंच गए हैं।

फैनी 200 रुपये

खजला-600

शीरमाल-80 रुपये (बटर)

पराठा-(नारियल)-30 रुपये, (सूखा मेवा) -50 रुपये

सेवई-120 रुपये किलो तक

खजूर- 100 रुपये से 1800 रुपये तक

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