#Me Too: कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी ने कहा- मुझे जानबूझकर निशाना बनाया गया

कोर्ट में प्रिया रमानी ने कहा कि एमजे अकबर ने सिर्फ उनके खिलाफ ही मानहानि का केस दायर किया जबकि 14 अन्य महिलाओं ने भी ट्वीट पर अकबर पर मीटू के तहत आरोप लगाया था।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 01:20 PM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 01:20 PM (IST)
#Me Too: कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी ने कहा- मुझे जानबूझकर निशाना बनाया गया
#Me Too: कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी ने कहा- मुझे जानबूझकर निशाना बनाया गया

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और जाने-माने पत्रकार एमजे अकबर की तरफ से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान प्रिया रमानी ने अपनी अधिवक्ता के मार्फत राउज एवेन्यू की विशेष अदालत को बताया कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया।  उन्होंने कहा कि एमजे अकबर ने सिर्फ उनके खिलाफ ही मानहानि का केस दायर किया, जबकि 14 अन्य महिलाओं ने भी ट्वीट पर अकबर पर मीटू के तहत आरोप लगाया था। उनमें से किसी के खिलाफ केस दायर नहीं किया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर के लिए तय की गई है। इससे पहले प्रिया रमानी ने अदालत में कहा था कि वह अपने साथ हुए शोषण पर चुप रह सकती थीं, लेकिन यह समाज हित में नहीं होता।

यहां पर बता दें कि पत्रकार प्रिया रमानी ने कहा था कि उनके साथ 25 साल पहले एम.जे अकबर ने शोषण किया, लेकिन तब उन्हें ऐसा कोई जरिया नजर नहीं आया कि वह अपनी बात रख सकें। यहां  पर याद दिला दें कि प्रिया रमानी ने एम.जे अकबर पर शोषण का आरोप लगाया था और इसके चलते अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद अकबर ने रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर कर दिया था। अकबर का आरोप है कि रमानी ने जानबूझकर और गलत ट्वीट करके उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है।

गौरतलब है कि मीटू यानी 'मैं भी' या 'मेरे साथ भी', 2 साल पहले 25 सितंबर 2018 के बाद आया था। इसमें यौन उत्पीड़न की शिकार हुईं भारतीय महिलाओं ने सोशल मीडिया पर हैशटैग #MeToo के साथ अपनी आप बीती बयां की थीं। वैसे #MeToo आंदोलन की शुरुआत तो 2006 में हुई थी, यह चर्चित हुआ अक्टूबर 2017 में।

दरअसल, 16 अक्टूबर 2017 को अमेरिकी एक्ट्रेस एलिसा मिलानो ने यौन हमले और उत्पीड़न की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने #MeToo का इस्तेमाल किया था। एलिसा के इस ट्वीट का प्रभाव यह हुआ कि दिन खत्म होते-होते #MeToo के साथ दो लाख से ज़्यादा ट्वीट किए गए। इसके बाद यह आंकड़ा बढ़कर 5 लाख से ज्यादा पहुंच गया।

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