Delhi Pollution : अब ईंधन भरवाने के लिए अनिवार्य किया जाएगा प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र

प्रदूषण के खिलाफ जारी जंग को धारदार बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और डीजल भरवाने के लिए इस प्रमाणपत्र को अनिवार्य करने की योजना बनाई है। ऐसे में अब राजधानी दिल्ली में जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) के बिना वाहन ईंधन मिलना मुश्किल हो जाएगा।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 29 Jan 2022 07:50 AM (IST) Updated:Sat, 29 Jan 2022 07:50 AM (IST)
Delhi Pollution : अब ईंधन भरवाने के लिए अनिवार्य किया जाएगा प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र
Delhi Pollution : अब ईंधन भरवाने के लिए अनिवार्य किया जाएगा प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो।  राजधानी दिल्ली में जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) के बिना वाहन ईंधन मिलना मुश्किल हो जाएगा। दरअसल, प्रदूषण के खिलाफ जारी जंग को धारदार बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और डीजल भरवाने के लिए इस प्रमाणपत्र को अनिवार्य करने की योजना बनाई है। इसे लेकर नीति तैयार कर ली गई है, लेकिन ड्राफ्ट को अधिसूचित करने से पहले जनता से राय ली जाएगी।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी नीति लाई जा रही है। दिल्ली सहित उत्तर भारत को विशेष रूप से सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। इस नीति के लागू होने के बाद वाहन चालकों को पंप पर ईंधन भरवाते समय अनिवार्य रूप से पीयूसीसी साथ रखना होगा। इस तरह राज्य में हर वाहन के प्रदूषण के स्तर को समय-समय पर चेक किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन दिल्ली में न चल सकें और लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा कि यह नीति दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। वाहन मालिकों को अपना पीयूसीसी पेट्रोल पंप तक ले जाना होगा। यदि पीयूसीसी अमान्य पाया जाता है तो उसी पंप पर पुन: जारी करवाना होगा। वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पंजीकृत पीयूसी केंद्रों के माध्यम से पीयूसीसी को जारी किया जाता है। दिल्ली में 10 जोन में लगभग 966 ऐसे केंद्र है। वे वाहनों के प्रदूषण की निगरानी और उत्सर्जन मानदंडों के अनुसार वाहनों की फिटनेस प्रमाणित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

जांच के लिए आधुनिक तकनीक की जाएगी तैयार

नीति की स्वीकृति के साथ-साथ सरकार इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इसे आरएफआइडी जैसी आधुनिक तकनीक से जोड़ने पर भी विचार कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीयूसीसी की जांच में वाहन स्वामी और पेट्रोल पंप मालिकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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