नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में चलेंगी PM ई बसें, अगले पांच महीने में शुरू होगी सेवा
गाजियाबाद फरीदाबाद नोएडा कानपुर लखनऊपटना इंदौर और जयपुर उन 169 शहरों में शामिल हैं जिन्हें अगले पांच-छह महीने में शुरू की जा रही पीएम ई-बस सेवा के लिए चुना गया है। इस योजना को हाल में ही कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है। बीस से चालीस लाख आबादी वाले शहरों में कोच्चि कोझिकोड नागपुर और कोयबंटूर भी हैं जहां इस बस सेवा की शुरुआत की जाएगी।
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HighLights
- इस योजना के अंतर्गत शहरों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।
- देश के चयनित शहरों में अगले पांच-छह माह शुरू होगी PM ई-बस सेवा।
- पीपीपी मॉडल में खरीदी जाएंगी दस हजार बसें।
नई दिल्ली, मनीष तिवारी। गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ,पटना, इंदौर, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद और जयपुर उन 169 शहरों में शामिल हैं जिन्हें अगले पांच-छह महीने में शुरू की जा रही पीएम ई-बस सेवा के लिए चुना गया है।
शहरी परिवहन के लिए बड़ी और प्रभावशाली मानी जा रही इस योजना को हाल में ही कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है। बीस से चालीस लाख आबादी वाले शहरों में कोच्चि, कोझिकोड, नागपुर और कोयबंटूर भी हैं, जहां इस बस सेवा की शुरुआत की जाएगी।
पीपीपी मॉडल में खरीदी जाएंगी दस हजार बसें
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने इस योजना को क्रांतिकारी कदम बताया है। केंद्र के बीस हजार करोड़ रुपये की मदद से पीपीपी मॉडल में दस हजार बसें खरीदी जाएंगी। ये वातानुकूलित बसें लोगों को मेट्रो में सफर जैसा अनुभव प्रदान करेंगी।
मंत्रालय ने इससे संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें तीन श्रेणियों में वे शहर हैं जिन्हें इस योजना के लिए चुना गया है।
पहली श्रेणी से बीस से चालीस लाख आबादी वाले शहरों की है और दूसरी दस से बीस लाख तथा तीसरी, पांच से दस लाख। दूसरी श्रेणी के शहरों में चंडीगढ़, रायपुर, फरीदाबाद, श्रीनगर, धनबाद, जमशेदपुर, रांची, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, अमृतसर, लुधियाना, जोधपुर, कोटा, आगरा, प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी, गुरुग्राम, जम्मू, बोकारो स्टील सिटी, उज्जैन, भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, जालंधर, अजमेर, बीकानेर, अलीगढ़, बरेली, फिरोजाबाद, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद, नोएडा शामिल हैं।
योजना में शामिल हैं 76 शहर
योजना में उन शहरों को खास तौर पर चुना गया है, जहां संस्थागत सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं है। इसलिए पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों की भी अच्छी-खासी संख्या है। ऐसे 76 शहर योजना में शामिल किए गए हैं, जिनकी आबादी पांच लाख से कम है और वे सार्वजनिक परिवहन के उपयुक्त ढांचे से वंचित हैं।
इनमें बिहार के भागलपुर, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और कोरबा, हरियाणा के हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक, यमुनानगर, मध्य प्रदेश का सागर, ओडिशा का ब्रह्मपुर टाउन, पटियाला के अलावा उत्तर प्रदेश के मथुरा, मुजफ्फरनगर, रामपुर, शाहजहांपुर, उत्तराखंड के हरिद्वार और बंगाल के शहर बहरामपुर, बर्धमान, भाटपारा, हावड़ा, कमरहटी, पानीहटी, राजारघाट गोपालपुर और हिमाचल की राजधानी शिमला शामिल हैं।