Coronavirus New Update: कोरोना काल में ऑक्सीजन स्तर का रखें खास ख्याल, पढ़े एक्सपर्ट की सलाह

Coronavirus New Update नोएडा के जिला अस्पताल प्रभारी डॉ. रेणु अग्रवाल ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने के कारण भी लोगों के ऑक्सीजन का स्तर प्रभावित हो रहा है। बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। हरी सब्जियों का सेवन फायदेमंद है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 20 Nov 2020 09:10 AM (IST) Updated:Fri, 20 Nov 2020 09:13 AM (IST)
Coronavirus New Update: कोरोना काल में ऑक्सीजन स्तर का रखें खास ख्याल, पढ़े एक्सपर्ट की सलाह
मॉर्निग वॉक की बजाय घरों में एक्सरसाइज करें। इससे लाभ होगा।

नई दिल्ली, जेएनएन। इन दिनों दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के जितने मरीज आ रहे हैं, उनमें आधे से ज्यादा की रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन का स्तर काफी कम पाया जा रहा है। इससे परिस्थितियां जटिल हो जा रही हैं और मौत का खतरा भी बढ़ जा रहा है।

डॉक्टर को कब संपर्क करें जब ऑक्सीजन (सैचुरेशन) का स्तर सामान्य से तीन फीसद या इससे ज्यादा कम हो जाए। जब हल्के-फुल्के काम के बाद भी सांस लेने में तकलीफ होने लगे। उदाहरण के लिए, 5-6 मिनट चलने पर भी सांस फूलने लगे। कई मरीज आरबीसी में ऑक्सीजन की कमी से तो जूझ रहे होते हैं, लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। इसलिए ऑक्सी मीटर से समय-समय पर खुद की जांच करते रहें।

कतई न करें नजरअंदाज

कई मरीज ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से तीन प्रतिशत से ज्यादा गिरने के बावजूद घर पर ही रुके रहते हैं। इसके कारण कोरोना संक्रमण की जटिलता बढ़ जाती है। ऑक्सीजन कम होने से सबसे पहले फेफड़े प्रभावित होते हैं। दिल और दिमाग पर भी इसका गंभीर असर पड़ता है। यहां तक कि मरीज के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। इन कारणों से मरीज की मौत की आशंका बढ़ जाती है।

इलाज की जरूरत

ऑक्सीजन का स्तर जब सामान्य से कम हो जाए तो चिकित्सकीय निगरानी अनिवार्य हो जाती है। हालांकि, फेफड़ों का संक्रमण खत्म होने पर ऐसे मरीजों का ऑक्सीजन स्तर खुद सामान्य हो जाता है। अगर ऑक्सीजन का स्तर लगातार गिरता जा रहा है तो बाहर से ऑक्सीजन देने की जरूरत हो जाती है। ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे जाने के बावजूद मरीज का स्तर सामान्य नहीं होता है, तो उसे वेंटीलेटर पर रखना पड़ता है।

होम आइसोलेशन

जिन मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते हों या कम दिखें, उन्हें होम आइसोलेशन की सलाह दी जाती है। हालांकि, इस दौरान भी उन्हें फोन अथवा वीडियो कॉलिंग के जरिये चिकित्सक के संपर्क में रहना चाहिए।

नई दिल्ली के लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में आने वाले करीब आधे मरीज ऐसे होते हैं, जिनके ऑक्सीजन का स्तर पहले ही काफी खतरनाक हो चुका होता है। यानी उनका ऑक्सीजन स्तर 70 फीसद या इससे भी कम हो चुका होता है। हम उन्हें तत्काल ऑक्सीजन देते हैं, लेकिन तब तक उनके दिल और दिमाग पर असर पड़ चुका होता है।

ग्रेटर नोएडा के शारदा कोविड अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों में से करीब 60 फीसद में ऑक्सीजन की कमी पाई जा रही है। इनमें बुजुर्गो की संख्या ज्यादा है। इस मौसम में बुजुर्गो का खास खयाल रखने की जरूरत है। सामान्य लोग भी जब घर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर पहनें।

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