अब मातृभाषा में भी कर सकेंगे उच्च शिक्षा की पढ़ाई, पढ़िये किन-किन भाषाओं में होगा अनुवाद, कौन करेगा मूल्यांकन

विवि प्रशासन ने बताया कि हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रलय का पत्र मिला था जिसमें उल्लेखित है कि प्रथम वर्ष के 16 पाठ्यक्रमों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करना है। विवि ने मूल्यांकन की जिम्मेदारी हिंदी विभाग के प्रो. निरंजन कुमार को सौंपी है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 29 Dec 2021 01:23 PM (IST) Updated:Wed, 29 Dec 2021 01:23 PM (IST)
अब मातृभाषा में भी कर सकेंगे उच्च शिक्षा की पढ़ाई, पढ़िये किन-किन भाषाओं में होगा अनुवाद, कौन करेगा मूल्यांकन
कोर्सो का हिंदी समेत दस भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा।

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। देशभर के उच्च शिक्षण संस्थान नई शिक्षा नीति को लागू करने में जुटे हैं। नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में पढ़ाई का भी प्रविधान है। इस पर अमल भी शुरू हो चुका है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रलय ने स्वयं पोर्टल के इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों के अनुवाद का फैसला लिया है। कोर्सो का हिंदी समेत दस भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा। अनुवाद के मूल्यांकन का जिम्मा दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को सौंपा गया है। विवि ने इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिया है।

विवि प्रशासन ने बताया कि हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का पत्र मिला था जिसमें उल्लेखित है कि प्रथम वर्ष के 16 पाठ्यक्रमों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करना है। यह दिल्ली विवि के संरक्षण में होगा। विवि ने मूल्यांकन की जिम्मेदारी हिंदू विभाग के प्रो. निरंजन कुमार को सौंपी है। हिंदी के अलावा बांग्ला, तमिल, तेलुगू, मराठी, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, पंजाबी और असमिया में अनुवाद होगा। कोर्सो का अनुवाद हो जाने पर उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए भी काफी सहूलियत होगी।

विशेषज्ञों की टीम बनेगी

अनुवाद के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की जाएगी। चूंकि इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों का मातृभाषा में अनुवाद जटिल प्रक्रिया है, इसलिए विशेषज्ञों का चयन भी कई चरणों की प्रक्रिया से होकर गुजरेगा, ताकि छात्रों को पढ़ाई के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत न हो। प्रो. निरंजन कुमार ने बताया कि यह छात्रों के लिए बहुत ही लाभदायी होगा। शिक्षा मंत्रलय के स्वयं पोर्टल पर छात्र निश्शुल्क पढ़ाई करते हैं। सनद रहे कि दिल्ली विवि भी अगले साल से तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई शुरू करेगा। छात्र चार वर्षीय बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकेंगे। यह नई शिक्षा नीति पर अमल करते हुए शुरू किया जाएगा।

दिल्ली विवि ने कुछ समय पूर्व नई शिक्षा नीति पर एक ओपन हाउस भी आयोजित किया था जिसमें कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा था कि नई शिक्षा नीति का उचित कार्यान्वयन जरूरी है। इसके लिए शिक्षकों में भी सीखने की ललक होनी चाहिए। बता दें कि दिल्ली विवि अगले साल से नई शिक्षा नीति लागू कर रहा है। अकादमिक और कार्यकारी परिषद ने इसे मंजूरी भी दे दी है। हाल ही में विवि ने कालेज एवं विभागों को नई शिक्षा नीति के दो मसौदे भेज प्रतिक्रिया मांगी है।

स्वयं पोर्टल पर उपलब्ध इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर एंड फूड इंजीनियरिंग, बायोलाजिकल साइंस एंड बायोइंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, डिजाइन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग।

chat bot
आपका साथी