बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा पर नहीं दर्ज होगा मुकदमा, कोर्ट ने दिया निर्देश, जानिए क्या है पूरा मामला

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भाजपा नेता संबित पात्रा को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश पर रोक लगा दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय शर्मा ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋषभ कपूर के 23 नवंबर के आदेश पर रोक लगा दी

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 15 Dec 2021 05:50 PM (IST) Updated:Wed, 15 Dec 2021 05:50 PM (IST)
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा पर नहीं दर्ज होगा मुकदमा, कोर्ट ने दिया निर्देश, जानिए क्या है पूरा मामला
भाजपा नेता संबित पात्रा पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश पर रोक लगा दी गई है।

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भाजपा नेता संबित पात्रा को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश पर रोक लगा दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय शर्मा ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋषभ कपूर के 23 नवंबर के आदेश पर रोक लगा दी, जिन्होंने दिल्ली पुलिस को आम आदमी पार्टी (आप) विधायक आतिशी की अप्लीकेशन पर अनुमति देते हुए भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और गहन जांच करने का निर्देश दिया था।

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने तब मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया था। सत्र न्यायाधीश ने कहा कि 23 नवंबर के उस आदेश पर अमल के लिए रोक लगा दी गई है और मामले को अगली सुनवाई अब 10 जनवरी, 2022 को होगी। दरअसल आप विधायक आतिशी ने दिल्ली की तीस हजारों कोर्ट में शिकायत की थी। वहां से संबित पात्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था। तीस हजारी कोर्ट के मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ऋषभ कपूर ने पुलिस से इस मामले में उपयुक्त धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया है।

आम आदमी पार्टीर की नेता और AAP आतिशी ने अदालत में दायर शिकायत में कहा था कि जनवरी में संबित पात्रा ने मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए एक वीडियो पोस्ट किया था। इस बाबत पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि संबित पात्रा ने अपने ट्विटर हैंडल से वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें अरविंद केजरीवाल को केंद्र के नए कृषि कानूनों की तारीफ करते दिखाया गया था।

मजिस्ट्रेट ने पहले प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आतिशी की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा था कि कथित रूप से छेड़छाड़ किए गए वीडियो के परिणामस्वरूप पूरे देश में दंगे जैसी स्थिति हो सकती है। उन्होंने कहा था कि वीडियो को आरोपी पात्रा के ट्विटर हैंडल पर कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया था।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋषभ कपूर ने कहा था कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए एक "गहन जांच" की जानी चाहिए और एसएचओ को पात्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और जांच शुरू करने का निर्देश दिया था। ये निर्देश आतिशी की उस याचिका पर आए थे जिसमें दावा किया गया था कि कथित वीडियो में ऐसे बयान हैं जो कृषि कानूनों के संबंध में दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के रुख के बिल्कुल विपरीत थे और इससे किसानों के मन में और असंतोष पैदा हुआ।

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