Delhi: 'सत्येंद्र जैन न तो महिला हैं, न बीमार और न 60 वर्ष से ज्यादा के हैं'; ED ने किया जमानत याचिका का विरोध

Satyendra Jain News मनी लांड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में गिरफ्तार कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई। ईडी ने कोर्ट में कहा कि जैन कागजों में थे शेयरहोल्डर लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से वह सब नियंत्रित कर रहे थे।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 07 Nov 2022 04:34 PM (IST) Updated:Mon, 07 Nov 2022 04:34 PM (IST)
Delhi: 'सत्येंद्र जैन न तो महिला हैं, न बीमार और न 60 वर्ष से ज्यादा के हैं'; ED ने किया जमानत याचिका का विरोध
ED ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का किया विरोध।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मनी लांड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी, ED) ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विकास ढुल के समक्ष ईडी ने कहा कि यह एक प्रभावशाली राजनेता का मामला है, जो न सिर्फ काला धन को सफेद कर रहा है, बल्कि सुबूतों से भी छेड़छाड़ कर रहा है। जमानत याचिका का विरोध करते हुए ED ने कहा कि जैन न तो महिला हैं, और न ही बीमार हैं।

ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने दावा किया कि कोलकाता में हवाला आपरेटरों की सुविधा के लिए जैन नकद और करेंसी नंबर उपलब्ध करा रहे थे। ईडी ने कहा कि सत्येंद्र जैन से जुड़ी पांच कंपनियां हैं और ये कंपनियां सिर्फ पैसे के लेन-देन के लिए महज कागजों पर थी।इन कंपनियों ने कोई भी व्यवसाय नहीं किया है।

कागजों में सिर्फ शेयरधारक, लेकिन है पूरा नियंत्रण

राजू ने दावा किया कि कागजों पर तो जैन सिर्फ एक शेयरधारक हैं लेकिन वास्तव में इन पर उनका पूरा नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि मैं यह निष्कर्ष निकालना चाहता हूं कि उनका इन कंपनियों से बाहर निकलना केवल कागजों पर था क्योंकि उनके बाहर निकलने के बाद भी गतिविधियां जारी रहीं और इससे पता चलता है कि जैन का इस पर वास्तविक नियंत्रण था।

राजू ने कहा कि चेक पीरियड से पहले और चेक पीरियड के बाद भी सभी शेल कंपनियां जस की तस रहीं क्योंकि सारा काम वैसा ही चल रहा था, जैसे सत्येंद्र जैन के समय में था। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है और अदालत ने प्रथम दृष्टया मामला स्वीकार करते हुए इसका संज्ञान लिया है।

दिया ये तर्क

उन्होंने कहा कि जैन न तो महिला हैं और न ही बीमार हैं और न ही 60 वर्ष से ऊपर के हैं। उनके खिलाफ एक करोड़ से अधिक की रकम का मामला दर्ज है। ऐसे में जमानत न दी जाए। अदालत ने ईडी का पक्ष सुनने के बाद सुनवाई नौ नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार ने जैन की जमानत याचिका की सुनवाई विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत से विशेष न्यायाधीश विकास ढुल की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। ईडी ने अदालत को सूचित किया मामला हाई कोर्ट में होने के कारण सुनवाई तय समयावधि में पूरी नहीं की जा सकी। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया था और 12 जून को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

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