EDMC में बजट सत्र के दौरान भारी हंगामा, महिला पार्षदों में हाथापाई; अभद्र भाषा इस्तेमाल

विपक्ष के रवैये से महापौर अंजू कमलकांत काफी क्षुब्ध दिखीं। पिछली बैठक में विपक्ष के कुछ पार्षदों ने महापौर से हाथापाई तक कर दी थी और इस बार महिला पार्षदों के बीच भिड़ंत हो गई।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 27 Dec 2019 09:39 PM (IST) Updated:Sat, 28 Dec 2019 07:22 AM (IST)
EDMC में बजट सत्र के दौरान भारी हंगामा, महिला पार्षदों में हाथापाई; अभद्र भाषा इस्तेमाल
EDMC में बजट सत्र के दौरान भारी हंगामा, महिला पार्षदों में हाथापाई; अभद्र भाषा इस्तेमाल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूर्वी दिल्ली नगर निगम का सदन शुक्रवार को एक फिर अखाड़ा बन गया। सदन में धक्का मुक्की के साथ हाथापाई भी हुई। इसके अलावा दोनों ओर से देख लेने तक की धमकी दी गई। इस दौरान महापौर का रौद्र रूप देखने को मिला और उन्होंने बार-बार चेतावनी दी लेकिन विपक्ष पर इसका कुछ भी असर नहीं हुआ। वह बजट भाषण के दौरान ही घर-घर से कूड़ा उठाने के निजीकरण संबंधी आदेश को दिखाने की मांग करते रहे। ऐसा नहीं करने पर पूरे बजट भाषण के दौरान वह नारेबाजी करते हुए और बजट की प्रतियों को फाड़-फाड़ कर उसे उड़ाते रहे।

बैठक की शुरूआत होते ही आप पार्षद कुलदीप कुमार ने घर-घर से कूड़ा उठाने का काम निजी कंपनी को सौंपने का मामला उठाया। महापौर ने उन्हें बैठने के लिए कहा और नेता सदन को बजट पेश करने के लिए कहा। लेकिन विपक्ष के सदस्य मानने को तैयार नहीं हुए उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी।

महापौर ने गुस्से में विपक्ष से कहा कि आप लोगों ने संवैधानिक व्यवस्था का मजाक बना दिया है। बार-बार चेतावनी के बाद भी आप सुधरने के लिए तैयार नहीं है। सदन की गरिमा को आप तार-तार कर रहे हैं। बजट बैठक है तो पहले बजट पेश हो जाए उसके बाद वह उन्हें मौका देंगी। लेकिन आप पार्षद नहीं माने। वह वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे।

विपक्षी पाषर्दों ने कहा कि निजीकरण की इस योजना ने भाजपा निगम को कई करोड़ रुपये चूना लगा रही है। इस योजना से निगम में निगम में काम करने वाले कई कर्मचारियों की नौकरी भी चली जाएगी। पार्षद कुलदीप कुमार ने कहा कि तीन दिन पहले सदन में स्थायी समिति चेयरमैन संदीप कपूर ने यह घोषणा की थी कि कंपनी को कार्य आदेश संबंधी दिए गए अग्रिम अनुमति को वापस लिया जा रहा है।

इस घोषणा के बाद कार्य आदेश वापस लेने संबंधी आदेश सदन के समक्ष पेश किया जाए। नेता सदन ने समझाया कि स्थायी समिति चेयरमैन द्वारा सदन में बताई गई बात सदन के मिनट्स में शामिल है और यह अपने आप में आदेश है। लेकिन विपक्ष आदेश की प्रति के लिए अड़ा रहा।

इसी बीच एक पार्षद ने नेता सदन के समक्ष रखी बजट की कॉपी फाड़ दी और आप पार्षद रेखा त्यागी सत्ता पक्ष की ओर पहुंच गईं। वह नेता सदन की कुर्सी के पास पहुंचकर शोर मचाने लगीं और उन्हें बजट पढ़ने से रोकने लगीं, तभी भाजपा पार्षद भावना मलिक उन्हें रोकने पहुंच गईं। हटाने के क्रम में दोनों महिला पार्षदों के बीच धक्का मुक्की हुई और रेखा त्यागी को नेता सदन की सीट से नीचे आना पड़ा। इस घटना को लेकर विपक्ष आक्रामक हो गया और उन्होंने भावना मलिक को पकड़ने की कोशिश की। कई विपक्षी पार्षद टेबल पर चढ़ गए और आपत्तिजनक व अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक दे दी। दोनों पार्षदों ने एक-दूसरे पर धक्का देने का आरोप लगाया। बाद में साथी पार्षदों के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ।

महापौर के आदेश के बाद भी मार्शलों ने विपक्षी पार्षदों को नहीं निकाला

विपक्ष के इस तरह के हंगामे को देखकर महापौर अंजू कमलकांत ने कई बार मार्शलों से कहा कि वह विपक्ष के पार्षदों को सदन से बाहर करें। मार्शलों ने विपक्षी पार्षदों को करीब से घेर तो लिया लेकिन उनकी हिम्मत ही नहीं हुई कि उन्हें बाहर निकालें। इससे महापौर नाराज भी हुईं। इस पर नेता सदन ने कहा कि ये मार्शल प्रशिक्षित नहीं है, इस वजह से दिक्कत हुई।

महापौर ने कहा कि विपक्ष की यह हरकत शर्मनाक है

विपक्ष के रवैये से महापौर अंजू कमलकांत काफी क्षुब्ध दिखीं। पिछली बैठक में विपक्ष के कुछ पार्षदों ने महापौर से हाथापाई तक कर दी थी और इस बार महिला पार्षदों के बीच भिड़ंत हो गई। महापौर ने कहा कि विपक्ष अगर सकारात्मक भूमिका निभाएं, कमियों को शालीन तरीके से उजागर करे तो लोकतंत्र मजबूत होता है। लेकिन विपक्ष चर्चा से भागता है और सिर्फ हंगामा करता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह रवैया शर्मनाक है। उन्होंने नेता सदन द्वारा पूर्वी दिल्ली के लोगों के हित में पेश किए बजट के लिए बधाई दी।

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