मैरी कॉम के पंच से नॉकआउट होगा हेपेटाइटिस, 2023 तक बीमारी खत्म करने का लिया संकल्प
मैरी कॉम सहित सभी अतिथियों ने प्रतीक के रूप में येलो रिबन पहनकर जागरूकता का संदेश दिया। इस मौके पर आइएलबीएस ने दो वेबसाइट की शुरुआत की।
नई दिल्ली,जेएनएन। छह बार की बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम ने खतरनाक हेपेटाइटिस बी और सी को मिटाने के लिए जागरूकता का पंच जमाया। उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी सुनाई व हेपेटाइटिस की रोकथाम में भरपूर सहयोग का भरोसा दिया। मैरी कॉम मंगलवार को दिल्ली सरकार के स्वायत्तशासी यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) में आयोजित हेपेटाइटिस दिवस कार्यक्रम में शामिल हुईं।
उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार मैरी कॉम को हेपेटाइटिस के खिलाफ अभियान में ब्रांड एंबेस्डर बनाएगी। मैरी कॉम ने कहा कि यदि उनके पास लिखित प्रस्ताव आता है तो वह जरूर विचार करेंगी। उन्होंने स्कूली बच्चों से भी मुलाकात की। इसके अलावा हेपेटाइटिस से पीड़ित मरीजों को 'कैरी ऑन, कैरी ऑन' कहकर उनका हौंसला बढ़ाया।
स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया जाए स्वास्थ्य शिक्षा सत्येंद्र जैन ने हेपेटाइटिस की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम में आइएलबीएस को पूरी मदद करने का भरोसा दिया। साथ ही उन्होंने स्कूली बच्चों को बीमारियों से बचाव व स्वस्थ जीवनशैली की शिक्षा देने की जरूरत बताई। उन्होंने 'अपने जीवन से प्यार करें' का नारा देकर लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए कदम उठाने की अपील की। साथ ही यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में हेपेटाइटिस सी की दवा निशुल्क दी जा रही है। कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव भी मौजूद थे। आइएलबीएस चार शहरों में चलाएगा जागरूकता अभियान आइएलबीएस के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने कहा कि देश में करीब छह करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित हैं। दुख की बात यह है कि माता-पिता की अज्ञानता के कारण बच्चे भी इस बीमारी से पीड़ित होते हैं। हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए हर नवजात को टीका लगाया जाना चाहिए।
टीकाकरण व स्क्रीनिंग से वर्ष 2080 तक देश को हेपेटाइटिस बी मुक्त किया जा सकता है। हेपेटाइटिस सी के इलाज की कारगर दवाएं मौजूद हैं। इस बीमारी से पीड़ित हर मरीज की पहचान कर यह दवा दी जानी चाहिए। इससे 2023 तक यह बीमारी खत्म हो सकती है। उन्होंने हेपेटाइटिस के प्रति जागरूकता के लिए वर्ष 1998 में येलो रिबन अभियान शुरू किया था।
कार्यक्रम में मौजूद मैरी कॉम सहित सभी अतिथियों ने प्रतीक के रूप में येलो रिबन पहनकर जागरूकता का संदेश दिया। इस मौके पर आइएलबीएस ने दो वेबसाइट की शुरुआत की। इसके माध्यम से दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। 200 लोगों की निशुल्क स्क्रीनिंग संस्थान में 200 लोगों की निशुल्क स्क्रीनिंग की गई। डॉक्टरों का कहना है कि स्क्रीनिंग से इन दोनों बीमारियों की पहचान शुरूआती चरण में की जा सकती है।