जानें- कैसे आम्रपाली समूह से वसूले जाएंगे 9000 करोड़, क्या 40,000 निवेशक भी होंगे प्रभावित!

सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया गया कि आम्रपाली के 14 प्रोजेक्ट में बुक कराए गए उन फ्लैटों के खरीदारों से भी वसूली की जा सकती है जिन्हें अपने फ्लैटों पर कब्जा मिल चुका है।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 03 May 2019 09:23 AM (IST) Updated:Fri, 03 May 2019 09:34 AM (IST)
जानें- कैसे आम्रपाली समूह से वसूले जाएंगे 9000 करोड़, क्या 40,000 निवेशक भी होंगे प्रभावित!
जानें- कैसे आम्रपाली समूह से वसूले जाएंगे 9000 करोड़, क्या 40,000 निवेशक भी होंगे प्रभावित!

नई दिल्ली, प्रेट्र। अपने मकान के कब्जे के लिए तरस रहे होम बायर्स की 3523 करोड़ रुपये की भारी-भरकम को अन्य मदों में लगा चुके आम्रपाली समूह से करीब तिगुनी रकम यानी 9,590 करोड़ रुपये की वसूली की जा सकती है। यह जानकारी बृहस्पतिवार को फोरेंसिक ऑडिटरों ने सुप्रीम कोर्ट को दी है। इस रियल एस्टेट कंपनी के निदेशकों, मैनेजरों और परिजनों समेत कई लोगों से 455 करोड़ रुपये वसूले जा सकते हैं।

जस्टिस अरुण मिश्र और जस्टिस यूयू ललित को कोर्ट की ओर से नियुक्त फारेंसिक ऑडिटरों पवन अग्रवाल और रवि भाटिया ने बताया कि इस नामचीन बिल्डर ने औने-पौने दाम पर 5,856 फ्लैट बेच दिए और इन फ्लैटों को मौजूदा मार्केट रेट पर बेचने से 321.31 करोड़ रुपये हासिल किए जा सकते हैं।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि आम्रपाली के 14 प्रोजेक्ट में बुक कराए गए उन फ्लैटों के खरीदारों से भी वसूली की जा सकती है, जिन्हें अपने फ्लैटों पर कब्जा मिल चुका है। उन्होंने बताया कि इस मद में 3,487 करोड़ रुपये वसूले जा सकते हैं।

ऑडिटरों ने बताया कि आम्रपाली के 11 अलग प्रोजेक्टों के 5,229 फ्लैट अब तक नहीं बिक सके हैं। इन्हें बेचकर भी 1958.82 करोड़ रुपये की वसूली की जा सकती है। उन्होंने बताया कि बोगस तरीके से कई गई खरीद से 1446.68 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। इतना ही नहीं, नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथारिटी के 6,004.6 करोड़ रुपये बकाया हैं।

ऑडिटरों ने कोर्ट में पेश की गई अपनी आठ खंड की रिपोर्ट में कहा है कि अब तक उन्होंने 152.24 करोड़ रुपये अब तक निदेशकों और उनके परिजनों से वसूल लिए हैं। इन लोगों ने कंपनी से यह रकम आयकर भरने और शेयर खरीदने के लिए एडवांस के तौर पर ली थीं। निष्कर्ष रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के पास मौजूद नकद 69.39 करोड़ रुपये 35 समूह कंपनियों के मैनेजरों पर शिकंजा कसके हासिल किए जा सकते हैं। इसके बाद अग्रवाल की तैयार की गई रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की जानी बाकी हैं।

बिल्डर के वकीलों को फ्लैट और पेंट हाउस दिए गए

फारेंसिक ऑडिटरों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आम्रपाली समूह ने विभिन्न अदालतों में उनका केस लड़ रहे वकीलों को फीस के तौर पर फ्लैट और पेंटहाउस दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटरों ने गुरुवार को बताया कि आम्रपाली के वकीलों का फीस के रूप में अपने मुवक्किल से फ्लैट स्वीकार करना भी कानून का उल्लंघन है। एडवोकेट एक्ट के तहत यह प्रतिबंधित है।

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