EXCLUSIVE: दिल्ली में करारी हार के बाद कांग्रेस में 'दंगल', कीर्ति आजाद ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी

EXCLUSIVE सूत्रों के मुताबिक इस चिट्ठी पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए 18 फरवरी को सोनिया ने कीर्ति को बुलाकर सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 09:37 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 10:06 PM (IST)
EXCLUSIVE: दिल्ली में करारी हार के बाद कांग्रेस में 'दंगल', कीर्ति आजाद ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी
EXCLUSIVE: दिल्ली में करारी हार के बाद कांग्रेस में 'दंगल', कीर्ति आजाद ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद नेताओं की तीखी बयानबाजी के बीच अब एक चिट्ठी चर्चा का विषय है। यह चिट्ठी दिल्ली कांग्रेस की प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष कीर्ति आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी है।

इसमें दिल्ली की हार के कारणों ही नहीं बल्कि इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार नेताओं का ब्यौरा भी दिया गया है। इस चिट्ठी को पढ़ने के बाद सोनिया ने भी स्थिति की गंभीरता को समझते हुए कीर्ति से लंबी चर्चा भी की है और जल्द ही सुधार के मददेनजर कड़े फैसले लेने का संकेत दिए हैं।

13 फरवरी को लिखी थी चिट्ठी

पार्टी सूत्रों के मुताबिक कीर्ति आजाद ने आलाकमान को यह चिट्ठी 13 फरवरी को लिखी थी। इस में बताया गया है कि किस तरह से तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा सहित उनके इर्द गिर्द रहने वाले कुछ नेताओं ने दिल्ली इकाई को नियंत्रित किया हुआ था। कारगर प्रचार अभियान की रणनीति भी समय पूर्व तैयार कर ली गई थी और ऑटो रिक्शा सहित दिल्ली में जगह जगह लगाने वाले बड़े होर्डिंग्स का मैटर भी बना दिया था।

आम आदमी पार्टी पर कटाक्ष करने वाले जिंगल्स, स्लोगन एवं प्रचार गीत तक कागज पर उतार दिए गए थे, लेकिन उक्त नेताओं ने अड़चनें लगाकर उन पर अमल ही नहीं होने दिया। 

टिकट बंटवारे को लेकर उठाए सवाल

चिट्ठी में टिकटों के गलत बंटवारे पर भी अंगुली उठाई गई है और कहा गया है कि शीर्ष नेतृत्व के अहम की वजह से अनेक बड़े नेता घर बैठने पर मजबूर हो गए। यहां तक कि अगर पार्टी हित में अन्य नेताओं ने जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के साथ बैठक करनी चाही तो जिला एवं ब्लॉक अध्यक्षों को उन बैठकों में आने से मना कर दिया गया। चिट्ठी में यह सुझाव भी दिया गया है कि दिल्ली में कांग्रेस आज भी वापस खड़ी हो सकती है। पार्टी के पास कार्यकर्ता भी हैं और नेता भी। जरूरत केवल उन्हें संगठन से जुड़ा एक नेतृत्व देने और कांग्रेस को दुकान समझने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने की है।

सोनिया ने चिट्ठी को गंभीरता से लिया

सूत्रों के मुताबिक इस चिट्ठी पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए 18 फरवरी को सोनिया ने कीर्ति को बुलाकर सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। कुछ बिंदुओं पर उन्होंने भी माना कि यहां खामी रही है और पार्टी बेहतर कर सकती थी। लंबी चर्चा के बाद उन्होंने संकेत दिए कि मार्च तक दिल्ली को लेकर कुछ ठोस फैसले लिए जाएंगे। दिल्ली कांग्रेस के प्रचार समिति अध्यक्ष कीर्ति आजाद ने यह सही है कि मैंने पार्टी अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है। उनके साथ मेरी बैठक भी हुई है। चिट्ठी में क्या लिखा था, इस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा।

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