जेएनयू में 46 साल बाद आयोजित हुआ दूसरा दीक्षांत समारोह, 400 छात्रों को मिली पीएचडी डिग्री

उपकुलपति एम जगदेश कुमार ने कहा जेएनयू छात्रों को वैचारिक आजादी देने को प्रतिबद्ध है। अब प्रत्येक वर्ष दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 08 Aug 2018 08:43 AM (IST) Updated:Wed, 08 Aug 2018 08:07 PM (IST)
जेएनयू में 46 साल बाद आयोजित हुआ दूसरा दीक्षांत समारोह, 400 छात्रों को मिली पीएचडी डिग्री
जेएनयू में 46 साल बाद आयोजित हुआ दूसरा दीक्षांत समारोह, 400 छात्रों को मिली पीएचडी डिग्री

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बुधवार को दूसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। जेएनयू में 46 साल बाद आयोजित हुए दूसरे दीक्षांत समारोह में 400 छात्र-छात्राओं को मुख्य अतिथि द्वारा पीएचडी की डिग्री दी गई। जेएनयू के कुलाधिपति और नीति आयोग के सदस्य स्पेस साइंटिस्ट वीके सारस्वत दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। इस दौरान जेएनयू के छात्र-छात्राओं में दीक्षांत समारोह को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला।

दूसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन अखिल भारतीय तकनीकी परिषद (एआइसीटीई) के सभागार में हुआ। इससे पहले जेएनयू ने वर्ष 1972 में अपना दीक्षांत समारोह आयोजित किया था। पहले दीक्षांत समारोह में प्रख्यात सिने अभिनेता बलराज साहनी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले छात्रों के लिए सफेद कुर्ता-पयजामा और छात्राओं के लिए सफेद साड़ी या सलवार कमीज बतौर ड्रेस कोड निर्धारित किया गया था। कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रोफेसरों ने भी इस दौरान सफेद कुर्ता-पयजामा ही पहना था।

इस मौके पर जेएनयू के उपकुलपति एम जगदेश कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वह बेहतर खोजकर्ता और अन्वेषक बनें। अपने विचारों को समाज की बेहतरी के लिए प्रयोग करें। सबसे बेहतरीन आइडिया तब जन्म लेता है जब दिमाग फ्री होता है। जेएनयू छात्रों के विचारों को ये आजादी देने के लिए प्रतिबद्ध है। ये हमारी मौलिक जिम्मेदारी भी है। साथ ही उन्होंने जेएनयू में अब प्रत्येक वर्ष दीक्षांत समारोह आयोजित करने का आश्वासन दिया।

समारोह के विरोध में छात्र संघ आयोजित करेगा सम्मेलन
दीक्षांत समारोह से जेएनयू छात्र संघ ने दूरी बना ली है। छात्र संघ ने विवि प्रशासन द्वारा आयोजित समारोह का बॉयकाट कर दिया। छात्र संघ का आरोप है ये समारहो विवि के उपकुलपति का एक पब्लिसिटी स्टंट है। समारोह के विरोध में छात्र संघ ने भी एक सम्मेलन का आयोजन किया है।

इस वजह से 46 साल से प्रतिबंधित था दीक्षांत समारोह
जेएनयू के पहले दीक्षांत समारोह में विवाद हुआ था। जेएनयू के पूर्व छात्र नेताओं व शिक्षकों के मुताबिक 46 साल पहले आयोजित हुए दीक्षांत समारोह को राजनीति रहित बनाने के लिए काफी प्रयास किए गए थे। सर्वसम्मति से सिने अभिनेता व जेएनयू के पूर्व छात्र बलराज साहनी को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था। साथ ही पहले दीक्षांत समारोह में छात्र संघ अध्यक्ष का उद्बोधन भी नहीं रखा गया था। इसके पीछे यह तर्क था कि छात्र संघ अध्यक्ष जेएनयू की संस्कृति के अनुरूप देश-विदेश के राजनीतिक मुद्दों व समस्याओं पर दीक्षांत समारोह के मंच से चर्चा कर देंगे। हालांकि अंत में यह सहमति बनी कि छात्र संघ अध्यक्ष मंच से ऐसा कुछ नहीं बोलेंगे और उनका भाषण विवि प्रशासन ही मंजूर करके देगा। पूर्व छात्र नेताओं व शिक्षकों के मुताबिक, तय कार्यक्रम के तहत हुआ भी ऐसा ही और विवि प्रशासन ने भाषण को मंजूर किया, लेकिन मंजूर भाषण बदलकर मंच पर छात्र संघ अध्यक्ष की तरफ से दूसरा भाषण पढ़ा गया। इसके बाद से जेएनयू प्रशासन ने दीक्षांत समारोह पर रोक लगा दी थी।

कुलपति को कार्यमुक्त करने के पक्ष में 279 जेएनयू शिक्षक
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) की तरफ से मंगलवार को कुलपति प्रो. वीके सारस्वत को कार्यमुक्त करने के लिए जनमत संग्रह किया गया। इसमें 279 शिक्षकों ने उन्हें कार्यमुक्त करने के पक्ष में मत दिया है, जबकि आठ शिक्षकों ने कुलपति के पक्ष में वोट दिया। वहीं, आठ वोट अयोग्य पाए गए और पांच शिक्षक जनमत संग्रह की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। इसी तरह हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी (हेफा) से ऋण न लेने के पक्ष में 288 शिक्षक सामने आए हैं। जनमत संग्रह में जेएनयू के कुल 586 सूचीबद्ध शिक्षकों में से 300 संकाय सदस्यों ने हिस्सा लिया।

chat bot
आपका साथी